Pishach Yog: पिशाच योग एक रहस्यमयी ज्योतिषीय योग के तौर पर पुस्तकों में बताया गया है. वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की स्थितियां और संयोग किसी व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं. इन्हीं में से एक विशेष और दुर्लभ योग है पिशाच योग. यह योग व्यक्ति के जीवन में मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक परेशानियां ला सकता है. लेकिन क्या वास्तव में यह योग इतना प्रभावशाली होता है? आइए जानते हैं-
पिशाच योग कैसे बनता है?
कुंडली में पिशाच योग तब बनता है जब राहु और शनि एक साथ किसी कुंडली के एक ही भाव में स्थित होते हैं, या जब ये परस्पर दृष्टि संबंध बनाते हैं. यह योग कुछ अन्य ग्रहों की विशेष स्थितियों में भी निर्मित हो सकता है:
- जब शनि और राहु एक ही घर में हो.
- जब चंद्रमा पर राहु और शनि की दृष्टि हो.
- जब मंगल, राहु और शनि की युति एक साथ हो.
- जब चंद्रमा, केतु और शनि एक ही स्थान पर हों.
शनि देव और राहु को क्रूर ग्रह माना जाता है, और जब ये दोनों मिलते हैं, तो यह व्यक्ति के मानसिक और भौतिक जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है.
पिशाच योग के प्रभाव
पिशाच योग व्यक्ति के जीवन में कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जैसे:
1. मानसिक एवं शारीरिक परेशानियां बेचैनी और चिंता बढ़ सकती है.
- नींद में बाधा और बुरे सपने आ सकते हैं.
- मानसिक रूप से विचलन महसूस हो सकता है.
2. आर्थिक समस्याएं
- धन हानि के योग बन सकते हैं.
- नौकरी या व्यवसाय में रुकावटें आ सकती हैं.
- अनावश्यक खर्चों में वृद्धि हो सकती है.
3. पारिवारिक जीवन में तनाव
- वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है.
- परिवार में आपसी मतभेद और गलतफहमियां हो सकती हैं.
- संतान से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
4. आध्यात्मिक प्रभाव
- व्यक्ति को आत्मविश्वास की कमी हो सकती है.
- आध्यात्मिक रूप से अस्थिरता महसूस हो सकती है.
- कुछ मामलों में, किसी अदृश्य शक्ति का डर महसूस हो सकता है.
किन राशियों पर पिशाच योग का प्रभाव अधिक होगा?
सभी राशियों पर इसका प्रभाव अलग-अलग होता है, लेकिन विशेष रूप से वृषभ, मकर, और कुंभ राशि के जातकों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
1. वृषभ राशि:
- कार्यस्थल पर विवाद संभव है.
- पारिवारिक मतभेद उभर सकते हैं.
- जमीन-जायदाद के मामलों में सतर्क रहें.
2. मकर राशि:
- वैवाहिक जीवन में संघर्ष हो सकता है.
- आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.
- स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं.
3. कुंभ राशि:
- शनि की साढ़े साती चल रही हो तो विशेष ध्यान दें.
- कोई बड़ा निवेश करने से बचें.
- मानसिक शांति बनाए रखने की कोशिश करें.
पिशाच योग से बचाव के उपाय
यदि आपकी कुंडली में पिशाच योग बना हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. इसे संतुलित करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं:
1. शनि और राहु के प्रभाव को शांत करें
- शनिवार के दिन तेल का दान करें.
- शनि देव और राहु ग्रह के मंत्रों का जाप करें.
- शनि मंदिर में जाकर दीपक जलाएं.
2. हनुमान जी की उपासना करें
- हनुमान चालीसा का पाठ करें.
- मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करें.
- मंदिर में जाकर लाल चोला चढ़ाएं.
3. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
- रोज 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
- गुरुवार को शिवलिंग पर जल अर्पित करें.
- रुद्राभिषेक करवाना भी लाभकारी हो सकता है.
4. दान-पुण्य करें
- काले तिल, उड़द, काले वस्त्र का दान करें.
- गरीबों को भोजन कराएं.
- कुत्तों और कौवों को भोजन दें.
एस्ट्रोलॉजर रुचि शर्मा की मानें तो पिशाच योग भले ही एक नकारात्मक प्रभाव डालने वाला योग माना जाता हो, लेकिन सही उपायों और सावधानियों के साथ इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र हमें यह सिखाता है कि ग्रहों का प्रभाव हमारे कर्मों से भी जुड़ा होता है, इसलिए अगर हम सही जीवनशैली अपनाएं और धर्म-कर्म में विश्वास रखें, तो इस योग का प्रभाव न्यूनतम हो सकता है.
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