
होली का पर्व दो दिन मनाया जाता है. जिसमें पहलें दिन छोटी होली या होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग खेलने वाली होली खेली जाती है.

होली की पूजा होलिका दहन के दिन ही की जाती है. इस पूजा को करने का विशेष महत्व है. इस पूजा के लिए अपने घर से गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं.

होलिका दहन के दिन कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटें.

इसके बाद लोटे में जल लेकर और पूजा की वस्तुओं को एक-एक करके होलिका को अर्पित करें. साथ ही भगवान नवसिंह और विष्णु जी की आराधना करें.

होलिका की अग्नि में रोली, अक्षत व पुष्प को भी पूजन में प्रयोग किया जाता है, गंध-पुष्प का प्रयोग करते हुए पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन किया जाता है.

मान्यता है कि होलिका दहन के वक्त विधिवत पूजा अर्चना करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है और आपके परिवार के लोगों की हर बुरी नजर से रक्षा होती है.
Published at : 13 Mar 2025 01:00 PM (IST)
ऐस्ट्रो फोटो गैलरी
ऐस्ट्रो वेब स्टोरीज
Read More at www.abplive.com