Market Outlook: अकेले फरवरी में निफ्टी 5.88 फीसदी टूटा है. वहीं इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 4,302 अंक या 5.55 फीसदी नीचे आया है. पिछले साल 27 सितंबर को सेंसेक्स 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था. तब से अबतक सेंसेक्स 12,780.15 अंक या 14.86 फीसदी नीचे आ चुका है. इसी तरह निफ्टी 27 सितंबर, 2024 के अपने ऑल टाइम हाई 26,277.35 अंक से 4,152.65 अंक या 15.80 फीसदी टूट चुका है.
घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस हफ्ते अमेरिका में शुल्क से संबंधित घटनाक्रमों, वैश्विक रुख और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों ने कहा कि आने वाले दिनों में व्यापार शुल्क की चिंताओं और विदेशी फंड्स की निकासी से निवेशकों की धारणा कमजोर रह सकती है. पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,112.96 अंक या 2.80 फीसदी नीचे आया है. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 671.2 अंक या 2.94 फीसदी टूटा है.
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बाजार की स्थिति कमजोर रहने की उम्मीद
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, निवेशकों की निगाह शुल्क नीति और बेरोजगारी दावों सहित महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर रहेगी. निकट भविष्य में बाजार की स्थिति कमजोर रहने की उम्मीद है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों के नतीजों में सुधार और वैश्विक व्यापार मोर्चे पर अनिश्चितता कम होने के बाद स्थिति में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है. मैक्रो इकोनॉमिक मोर्चे पर हफ्ते के दौरान एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई आंकड़े आएंगे, जिनपर निवेशकों की निगाह रहेगी.
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कमजोरी के रुख के साथ कारोबार करेगा बाजार
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, हमारा मानना है कि कमजोर वैश्विक रुख और घरेलू मोर्चे पर संकेतकों की कमी की वजह से बाजार कमजोरी के रुख के साथ कारोबार करेगा. दिसंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.2% की दर से बढ़ी है. यह क्रमिक आधार पर 7 तिमाहियों के निचले स्तर से उबर रही है. हालांकि, दिसंबर तिमाही की ग्रोथ रेट इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में कम रही है. इकोनॉमिक ग्रोथ रेट का यह आंकड़ा ऐसे समय आया है जबकि अमेरिका का टैरिफ वॉर चुनौती बना हुआ है,
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट 6.2 फीसदी रही है. यह जुलाई-सितंबर तिमाही के 5.6 फीसदी के संशोधित आंकड़े से अधिक है. हालांकि, यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6.8 फीसदी के अनुमान से कम है. पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,112.96 अंक या 2.80 फीसदी नीचे आया है. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 671.2 अंक या 2.94 फीसदी टूटा है.
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ट्रेड वॉर की चिंता से जूझ रहा बाजार
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, अनिश्चितता अक्सर वास्तविक घटनाक्रम से अधिक महत्वपूर्ण होती है, और बाजार वर्तमान में संभावित ट्रेड वॉर की चिंता से जूझ रहा है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली का दबाव लगातार बढ़ रहा है.
फरवरी में GST कलेक्शन बढ़ा
फरवरी में कुल माल एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन 9.1 फीसदी बढ़कर लगभग 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो घरेलू खपत से बढ़ा है और संभावित आर्थिक पुनरुद्धार का संकेत है. शनिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सकल आधार पर, केंद्रीय जीएसटी से संग्रह 35,204 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी से 43,704 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी से 90,870 करोड़ रुपये और मुआवजा उपकर से 13,868 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं.
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