Raja Bhaiya News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान की तर्ज पर लोगों से एकजुट रहने की अपील की है. कुंडा विधायक ने 23 साल पहले गुजरात के ‘गोधरा कांड’ की घटना का जिक्र करते हुए अपनी बात कही और कहा कि जब साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जलाई गई थी तो किसी ने अगड़ा, पिछड़ा और दलित नहीं पूछा था.
राजा भैया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर साबरमती एक्सप्रेस को जलाने की घटना का जिक्र करते हुए लिखा- ‘गोधरा’ शब्द सभी को याद होगा लेकिन ‘साबरमती एक्सप्रेस’ की चर्चा कम ही होती है, आज वही दुखद दिन है जिस दिन सन 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में राम भक्तों को ज़िंदा जला दिया गया था, उनका अपराध ये था कि वे अयोध्या से अपने आराध्य श्री राम लला सरकार के दर्शन करके लौट रहे थे.
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की तर्ज पर कही ये बात
उन्होंने आगे लिखा- ‘नारी, पुरुष, बच्चे बच्चियां किसी को नहीं छोड़ा गया. पेट्रोल डालकर उन्हें जीवित जला दिया गया, विश्व के इतिहास में किसी भी राष्ट्र में अल्पसंख्यकों द्वारा बहुसंख्यक समाज का इस प्रकार निर्मम, क्रूर नरसंहार का कोई दूसरा उदाहरण हो तो बताइयेगा अवश्य, और हां कृपया विचार करें कि उन्हें जिंदा जलाने के पहले क्या उनसे पूछा गया था कि वे अगड़ा, पिछड़ा या दलित हैं? याद रहे जुड़ेंगे तभी बचेंगे.’
‘गोधरा’ शब्द सभी को याद होगा लेकिन ‘साबरमती एक्सप्रेस’ की चर्चा कम ही होती है, आज वही दुखद दिन है जिस दिन सन 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में राम भक्तों को ज़िंदा जला दिया गया था, उनका अपराध ये था कि वे अयोध्या से अपने आराध्य श्री राम लला सरकार के दर्शन करके लौट रहे थे। नारी,…
— Raja Bhaiya (@Raghuraj_Bhadri) February 27, 2025
बता दें कि 27 फरवरी 2002 में गुजरात के गोधरा स्टेशन से रवाना हुई साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में उन्मादी भीड़ ने आग लगा दी थी और इस भीषण अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी. ये ट्रेन अहमदाबाद जाने के लिए गोधरा स्टेशन से चली ही थी तभी किसी ने चेन खींचकर ट्रेन रोक दी और फिर पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे को आग के हवाले कर दिया गया.
इस ट्रेन में सवार लोग हिंदू तीर्थयात्री थे और अयोध्या से कार सेवा कर लौट रहे थे. घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई. जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी, उस वक्त गुजरात में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे और केंद्र में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी.
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