Nirav Modi: नीरव मोदी को लंदन से भारत वापस लाए जाने के मामले में एक पेंच फंस गया है. उसके प्रत्यर्पण को रोकने वाली एक गोपनीय प्रक्रिया चल रही है जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है. इस प्रक्रिया के पूरा होने तक नीरव मोदी को भारत नहीं भेजा जा सकेगा. ब्रिटेन की एक कोर्ट ने गुरुवार को यह बात कही.
लंदन हाई कोर्ट ने कहा कि प्रत्यर्पण को रोकने वाली नीरव मोदी से संबंधित गोपनीय प्रक्रिया के जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है. हाई कोर्ट जस्टिस डेविड बेली ने कहा, ‘गोपनीय प्रक्रिया के नतीजे आने तक नीरव मोदी रिमांड पर हैं. यह प्रक्रिया 2026 के अंत तक चलने की संभावना है. इसके जल्द समाप्त होने की संभावना नहीं है.’ ऐसा माना जा रहा है कि यह गोपनीय प्रक्रिया नीरव के ब्रिटेन में शरण के लिए एक आवेदन से संबंधित है. हालांकि ब्रिटेन की अदालतों में अब तक इसका केवल अप्रत्यक्ष संदर्भ ही सामने आया है.
भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण का केस हारने के बाद नीरव लगभग छह साल से लंदन की जेल में है और एक गोपनीय प्रक्रिया के नतीजे आने तक रिमांड पर हैं. नीरव मोदी लंदन हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए टेम्ससाइड जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से पेश हुए. इस दौरान जस्टिस डेविड बेली ने यह भी कहा कि भारत में जन्मे व्यवसायी ने आपराधिक आरोपों से इनकार किया है और उसे अब तक दोषी नहीं ठहराया गया है.
चार साल से अटका हुआ है प्रत्यर्पण
नीरव मोदी पर 13 हजार करोड़ से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी का केस है. आरोप सामने आने के पहले ही वह ब्रिटेन भाग चुका था. मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट के साथ लंदन में उसकी गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद अप्रैल 2021 में उसके प्रत्यर्पण का आदेश जारी हो चुका था. हालांकि तभी से नीरव मोदी ब्रिटेन की अलग-अलग अदालतों में अपना प्रत्यर्पण रोकने के लिए अपील करता रहा है.
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