Pakistan has planned a freight train station on the railway to Russia route is likely to boost trade between Pakistan and Russia

Pakistan-Russia Railway Line: पाकिस्तान ने रूस तक मालगाड़ी चलाने की योजना का ऐलान कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में तेजी आने की संभावना है. 15 मार्च 2025 तक यह मालगाड़ी सेवा शुरू होने की उम्मीद है, जो पाकिस्तान से ईरान, तुर्कमेनिस्तान और कजाकिस्तान के रास्ते होते हुए रूस पहुंचेगी. इस कदम से पाकिस्तान को रूस से तेल, गैस, स्टील और अन्य Industrial समानों एक्सपोर्ट करने में आसानी होगी, जबकि पाकिस्तान के कपड़े और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट रूस और समेत दूसरे देशों के बाजारों तक पहुंचेंगे.

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक  इस परियोजना की घोषणा पाकिस्तान रेलवे फ्रेट के सीईओ सुफियान सरफराज डोगर ने की है. उन्होंने पाकिस्तान के व्यापार समुदाय, विशेषकर ऑल-पाकिस्तान टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन (APTMA) को इस सेवा के लिए तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित किया. इस रेलमार्ग से पाकिस्तान को रूस के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर मिल रहा है.

पाकिस्तान को इस रेलमार्ग से क्या फायदे होंगे?
पाकिस्तान इस रेलमार्ग के जरिए अपने उत्पादों को रूस, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान और अन्य देशों तक आसानी से पहुंचा सकेगा. कपड़े, खाद्य उत्पाद, कृषि उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य निर्मित वस्तुओं की आवाजाही इस कॉरिडोर के माध्यम से तेज और किफायती होगी. यह कराची के कासिम इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल से शुरू होकर रूस तक जाएगी, जिसमें 22 टन से 44 टन तक की क्षमता वाली मालगाड़ियां चलेंगी.

ईरान की भूमिका
इस रेलमार्ग में ईरान का भी अहम रोल होगा, जो पाकिस्तान और रूस के बीच एक प्रमुख माध्यम के रूप में कार्य करेगा. ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच पहले से ही एक रेल संपर्क मौजूद है, जो ईरानी शहर मशहद को तुर्कमेनिस्तान के सेरखेताबत शहर से जोड़ता है. साथ ही, ईरान और पाकिस्तान ज़ाहेदान-मिर्जावेह रेलवे से जुड़े हुए हैं, जिससे वाणिज्यिक और यात्री यात्रा आसान हो जाएगी.

रूस-पाकिस्तान संबंधों में नरमी और भारत की चिंताएं
रूस और पाकिस्तान के बीच रिश्ते पहले की तुलना में सुधरते जा रहे हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है. रूस भारत का दीर्घकालिक साझेदार और प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है. लेकिन, हाल के वर्षों में, विशेष रूप से 2024 में जब रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन और उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने पाकिस्तान का दौरा किया, तब दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए.

2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से रूस और पाकिस्तान के बीच व्यापार में भी तेजी आई है. 2024 में, दोनों देशों के बीच व्यापार 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया.

अतीत के दुश्मन आज के साझेदार
शीत युद्ध के दौरान, पाकिस्तान और रूस तत्कालीन USSR एक-दूसरे के दुश्मन थे. पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ गठजोड़ किया था और अफगान मुजाहिदीन को सोवियत संघ के खिलाफ प्रशिक्षित किया था. लेकिन समय के साथ जियो पॉलिटिकल बदलावों के कारण दोनों देशों के रणनीतिक हित एक-दूसरे के करीब आ गए. अब रूस पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति को नजरअंदाज नहीं कर सकता, खासकर अफगानिस्तान और मध्य एशिया के पास होने के कारण.

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