World Gold Reserves: सोने का भंडार किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता से निपटने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है. सोना न केवल एक कीमती धातु है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय स्थिरता का एक प्रमुख स्तंभ भी है. 1800 और 1900 के दशकों में सोना वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा था, जब कई देशों ने अपनी मुद्रा को सोने के भंडार से जोड़ा था.
19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में, देशों ने अपनी मुद्रा को सोने के मूल्य से जोड़ रखा था, जिसे “गोल्ड स्टैंडर्ड” कहा जाता था. इसका मतलब यह था कि जारी की गई मुद्रा की प्रत्येक इकाई का सोने में एक निश्चित मूल्य होता था, और लोग अपने कागजी पैसे को सोने में बदल सकते थे. इस प्रकार, सोना किसी देश की आर्थिक स्थिरता और उसकी मुद्रा की ताकत का मुख्य आधार हुआ करता था.
मॉर्डन टाइम में सोने का महत्व
हालांकि 1970 के दशक के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था में सोने का सीधा उपयोग समाप्त हो गया, लेकिन सोने का महत्व कम नहीं हुआ है. आज भी सोना एक सुरक्षित और स्थिर भंडार के रूप में देखा जाता है, खासकर आर्थिक अनिश्चितता के समय. जब किसी देश की अर्थव्यवस्था संकट में होती है, तो सोने का भंडार उसकी वैश्विक साख को मजबूत करता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके वित्तीय लेन-देन को सहारा देता है.
दुनिया के 20 सबसे ज्यादा सोने के भंडार वाले देश
आइए जानते हैं उन 20 देशों के बारे में जिनके पास सबसे ज्यादा सोने का भंडार है. ये आंकड़े वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 2024 की दूसरी तिमाही की रिपोर्ट के आधार पर हैं:
अमेरिका: 8,133.46 टन
जर्मनी: 3,351.53 टन
इटली: 2,451.84 टन
फ्रांस: 2,436.97 टन
रूस: 2,335.85 टन
चीन: 2,264.32 टन
जापान: 845.97 टन
भारत: 840.76 टन
नीदरलैंड: 612.45 टन
तुर्की: 584.93 टन
पुर्तगाल: 382.66 टन
पोलैंड: 377.37 टन
उज्बेकिस्तान: 365.15 टन
यूनाइटेड किंगडम: 310.29 टन
कजाकिस्तान: 298.8 टन
स्पेन: 281.58 टन
ऑस्ट्रिया: 279.99 टन
थाइलैंड: 234.52 टन
सिंगापुर: 228.86 टन
बेल्जियम: 227.4 टन
दुनिया में कितना सोना उपलब्ध है?
अब तक दुनिया में लगभग 244,000 मीट्रिक टन सोना खोजा जा चुका है. इसमें से 187,000 मीट्रिक टन सोने का उत्पादन हो चुका है और 57,000 मीट्रिक टन सोना अभी भी भूमिगत भंडार में है. सबसे ज्यादा सोना चीन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है. 2016 में संयुक्त राज्य अमेरिका सोने के उत्पादन में चौथे स्थान पर था.
सोने का इस्तेमाल और भंडारण के कारण
देश सोने का भंडार कई कारणों से रखते हैं, जिनमें से प्रमुख कारण हैं:
आर्थिक स्थिरता: सोना एक स्थिर और विश्वसनीय भंडार है, जो किसी देश की अर्थव्यवस्था को वित्तीय संकट से बचाने में मदद करता है.
मुद्रा का समर्थन: सोना इतिहास में किसी देश की मुद्रा की ताकत और उसकी मुद्रा स्थिरता को बनाए रखने में सहायक रहा है.
विश्वसनीयता: वैश्विक अनिश्चितताओं के दौरान सोने के भंडार का होना दूसरे देशों के साथ व्यापार और कर्ज लेन-देन के लिए महत्वपूर्ण है.
सोने का भंडार देश की आर्थिक स्थिरता का प्रतीक
सोने का भंडार न केवल एक कीमती धातु का संग्रह होता है, बल्कि यह किसी देश की आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक भी होता है. वैश्विक अनिश्चितताओं के समय में सोना सबसे महत्वपूर्ण भंडार साबित होता है, जो देशों को वित्तीय संकट से उबारने में मदद करता है. इसलिए, सोने का भंडार आज भी दुनिया के देशों के खजाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है.
ये भी पढ़ें: Bangladesh On India: भारत पर भड़के बांग्लादेशी सेना के मेजर, हिंदुओं को लेकर कह दी बड़ी बात
Read More at www.abplive.com