budget 2025 nirmala sitharaman dons elegant cream saree with Madhubani border for historic 8th budget

बजट 2025: निर्मला सीतारमण आज संसद में मोदी 3.0 का पहला बजट पेश करने जा रही हैं. निर्मला सीतारमण एक बार फिर अपनी साड़ी और स्टाइल स्टेटमेंट को लेकर सुर्खियों है. बजट पेश के दौरान वह मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी में नजर आ रही हैं.उनकी मधुबनी साड़ी 2021 पद्म श्री पुरस्कार विजेता को श्रद्धांजलि देती है.

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार 8वां केंद्रीय बजट पेश करके इतिहास रच दिया. जो स्वतंत्र भारत में किसी भी वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया सबसे बड़ा बजट है. उन्होंने यह काम पारंपरिक साड़ी पहनकर स्टाइल से किया. इस साल बजट 2025 के लिए, उन्होंने पारंपरिक गोल्डन की बॉर्डर वाली एक खूबसूरत क्रीम साड़ी चुनी, जिसे कंट्रास्टिंग लाल ब्लाउज़ के साथ स्टाइल किया गया. सोने की चूड़ियां, एक चेन और झुमके सहित उनकी मिनिमलिस्ट एक्सेसरीज़ ने आउटफिट को पूरी तरह से कॉम्प्लीमेंट किया.

निर्मला सीतारमण की रंगीन मधुबनी कलाति वाली बॉर्डर वाली साड़ी भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक सुंदर मिश्रण लग रहा है. मधुबनी कला बिहार के मिथिला क्षेत्र की एक पारंपरिक लोक कला है, जिसकी विशेषता जटिल ज्यामितीय पैटर्न, पुष्प आकृतियां और प्रकृति और पौराणिक कथाओं का चित्रण है. यह कला रूप अपने जीवंत रंगों, नाजुक रेखाओं और प्रतीकात्मक चित्रण के लिए जाना जाता है.

मधुबनी डिजाइन वाली साड़ी पहनकर निर्मला की फैशन स्टेटमेंट

मधुबनी डिजाइन वाली साड़ी पहनकर निर्मला न केवल फैशन स्टेटमेंट बना रही हैं, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा दे रही हैं और इस पारंपरिक कला को जीवित रखने वाले कारीगरों का समर्थन भी कर रही हैं. जब वित्त मंत्री मिथिला कला संस्थान में क्रेडिट आउटरीच गतिविधि के लिए मधुबनी गईं, तो उनकी मुलाक़ात दुलारी देवी से हुई और बिहार में मधुबनी कला पर उनके साथ सौहार्दपूर्ण विचार-विमर्श हुआ. दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को साड़ी भेंट की और बजट के दिन इसे पहनने के लिए कहा.

मधुबनी पेंटिंग की क्या है खासियत?

मधुबनी चित्रकला, जिसे मिथिला चित्रकला भी कहते हैं, बिहार के मिथिला क्षेत्र की एक प्रमुख कला परंपरा है. यह चित्रकला मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा बनाई जाती है और इसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है. मधुबनी कला (जिसे मिथिला कला के रूप में भी जाना जाता है) भारत और नेपाल के मिथिला क्षेत्र में प्रचलित चित्रकला की एक शैली है. इसका नाम भारत के बिहार के मधुबनी जिले के नाम पर रखा गया है. बिहार के इन जगहों पर बनाया जाता है मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी जैसे जितवारपुर, रांटी और रसीदपुर मधुबनी कला की परंपरा और विकास से जुड़े तीन सबसे उल्लेखनीय शहर हैं. इस पेंटिंग की सबसे खास बात यह है कि इसकी सदस्य सभी महिलाएं है. इस पेंटिंग जिस तरीके से कलर का इस्तेमाल किया जाता है सभी नैचुरल लगती हैं. पेंट प्राकृतिक रंगों और पिगमेंट जैसे गेरू और लैंपब्लैक का उपयोग करके क्रमश लाल भूरे और काले रंग के लिए किया जाता है. चित्रों की विशेषता उनके आकर्षक ज्यामितीय पैटर्न हैं.

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