Delhi Assembly Election 2025 Will AIMIM candidate Tahir Hussain get permission to Election daughter Emotional Video viral

AIMIM Candidate Tahir Hussain: पूर्व पार्षद और फरवरी 2020 के दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उसे आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए हिरासत में रहते हुए प्रचार करने की अनुमति दी जाए. ताहिर हुसैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा कि चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं, इसलिए उन्हें पुलिस हिरासत में मतदाताओं से संपर्क करने की अनुमति दी जाए.

ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया है. ताहिर हुसैन के जेल में होने की वजह से उनकी पत्नी, बेटे और बेटी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. इस बीच उनकी बेटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह लोगों से अपने पिता को वोट देने की अपील कर रही है.

दुनिया ने हमसे मुंह मोड़ लिया- ताहिर हुसैन की बेटी

ताहिर हुसैन की बेटी ने एक रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “मेरे अब्बू का साथ दें, मुझे उनकी बहुत याद आती है, आपका एक वोट मुझे मेरे अब्बू से मिला सकता है, मेरी ख्वाहिश है कोई मेरे सिर पर हाथ रखें और कहे बेटा तेरे अब्बू जल्द आएंगे, दुनिया ने हमसे मुंह मोड़ लिया है.”

ताहिर हुसैन के वकील ने क्या कहा?

बता दें कि ताहिर हुसैन के अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, ‘‘जिस जगह पर मेरा घर बताया जा रहा है, वहां दिल्ली में दंगे हुए थे. मैं मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहा हूं, और यहां तक ​​कि रहने के उद्देश्य से भी, मैं कह रहा हूं कि मैं घर नहीं जाऊंगा और एक होटल में रहूंगा और उसका विवरण प्रदान करूंगा. ’’

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने ताहिर हुसैन के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि उनकी भूमिका गंभीर है. उन्होंने कहा कि अगर राहत दी जाती है तो हर कोई जेल से नामांकन दाखिल करेगा. अदालत ने राजू से कहा कि वह इस बारे में निर्देश मांगें कि किस तरह के खर्च और किस तरह की सुरक्षा की जरूरत होगी.

नामांकन दाखिल करने के लिए मिली थी राहत

पीठ ने अग्रवाल से यह भी कहा कि वह बताएं कि ताहिर हुसैन क्या वचन देंगे. सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ की ओर से 22 जनवरी को विभाजित फैसला दिए जाने के बाद ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत नहीं मिली थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 जनवरी को हुसैन को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत पैरोल प्रदान की थी.

दिल्ली दंगे में 53 लोगों की हुई थी मौत

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे. हुसैन खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत से जुड़े मामले में आरोपी हैं.

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