Dadi Nani ki baatein good moral story why should Married women apply sindoor hindu tradition believe

Dadi-Nani Ki Baatein: सिंदूर शास्त्रों में बताए सोलह श्रृंगार (Solah Shringar) में सबसे महत्वपूर्ण श्रृंगार है. सुहागिनों की मांग में लगाय गया सिंदूर उनके सुहागन होने की निशानी है. साथ ही मांग में सिंदूर लगाना जीवनसाथी के प्रति सम्मान, प्रेम और समर्पण के भाव को भी प्रकट करता है. यही कारण है कि हिंदू संस्कृति में विवाहित महिलाओं को सिंदूर लगाना अनिवार्य माना जाता है.

लेकिन आज के आधुनिक समय में कुछ महिलाएं विवाहित होने पर भी मांग नहीं भरती या फिर नाममात्र सिंदूर लगाती हैं. शास्त्रों और बड़ों-बुजुर्गों की माने तो यह गलत माना जाता है. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास कहते हैं कि सिंदूर सुहागिन महिला के सौभाग्य से भी जुड़ा होता है, इसलिए इसे अच्छे से लगाना चाहिए. सिंदूर लगाने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

दादी-नानी आज भी सुहागिन महिलाओं को सिंदूर से अच्छे से मांग भरने को कहती है और मांग खाली रखने पर तुरंत टोकती है. दादी-नानी की ये रोक-टोक आपको अटपती या मिथक लग सकती है. लेकिन दादी-नानी की ये मान्यातएं धार्मिक, आध्यात्मिक, पारंपरिक, ज्ञान, अनुभव और शिक्षा को आगे बढ़ाने का काम करती हैं.

हिंदू धर्म से जुड़ी प्राचीन मान्यताओं को विज्ञान में भी महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू धर्म में विवाह के बाद से ही मांग में सिंदूर लगाने की परंपरा है. विज्ञान की माने तो सिंदूर में हल्दी, चूना और मरकरी जैसी चीजें होती हैं. इन तीनों के मिश्रण से शरीर में ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और साथ ही मानसिक तनाव भी कम होता है.

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