Mahakumbh 2025 amrit Snan on mauni Amavasya know date and importance

महाकुंभ का धार्मिक आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा और इस दौरान स्नान किए जाएंगे. लेकिन कुंभ के दौरान पड़ने वाले विशेष तिथियों में किए स्नान को शाही स्नान कहा जाता है, जिसका विशेष धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि इससे पाप कर्मों का नाश होता है.

महाकुंभ का धार्मिक आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा और इस दौरान स्नान किए जाएंगे. लेकिन कुंभ के दौरान पड़ने वाले विशेष तिथियों में किए स्नान को शाही स्नान कहा जाता है, जिसका विशेष धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि इससे पाप कर्मों का नाश होता है.

14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के अवसर पर पहला अमृत स्नान किया गया था. इसके बाद कुंभ का अलग बड़ा स्नान होगा. आइए जानते हैं महाकुंभ का अगला बड़ा स्नान कब है और स्नान के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.

14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के अवसर पर पहला अमृत स्नान किया गया था. इसके बाद कुंभ का अलग बड़ा स्नान होगा. आइए जानते हैं महाकुंभ का अगला बड़ा स्नान कब है और स्नान के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.

बता दें कि मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का अगला महत्वपूर्ण स्नान किया जाएगा. यह कुंभ का तीसरा दूसरा अमृत स्नान होगा, जोकि 29 जनवरी 2025 को किया जाएगा. मान्यता है कि मौनी अमावस्या और कुंभ के संयोग से अमृत स्नान का फल कई गुणा बढ़ जाता है.

बता दें कि मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का अगला महत्वपूर्ण स्नान किया जाएगा. यह कुंभ का तीसरा दूसरा अमृत स्नान होगा, जोकि 29 जनवरी 2025 को किया जाएगा. मान्यता है कि मौनी अमावस्या और कुंभ के संयोग से अमृत स्नान का फल कई गुणा बढ़ जाता है.

मौनी अमावस्या पर कुंभ अमृत स्नान के लिए सुबह 5 बजकर 25 मिनट से शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी, जिसका समापन सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर होगा.

मौनी अमावस्या पर कुंभ अमृत स्नान के लिए सुबह 5 बजकर 25 मिनट से शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी, जिसका समापन सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर होगा.

यदि आप किसी कारण कुंभ न जा पाएं तो इस मुहूत में किसी तीर्थ स्थल या पवित्र नदी में भी स्नान कर सकते हैं. मौनी अमावस्या पर किए स्नान से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

यदि आप किसी कारण कुंभ न जा पाएं तो इस मुहूत में किसी तीर्थ स्थल या पवित्र नदी में भी स्नान कर सकते हैं. मौनी अमावस्या पर किए स्नान से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

महाकुंभ के दौरान अमृत और शाही स्नान विशेष तिथियों में किए जाते हैं. ये तिथियां ग्रहों की चाल और विशेष स्थितियों के आधार पर तय होती है. महाशिवरात्रि के बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर शाही स्नान किए जाएंगे.

महाकुंभ के दौरान अमृत और शाही स्नान विशेष तिथियों में किए जाते हैं. ये तिथियां ग्रहों की चाल और विशेष स्थितियों के आधार पर तय होती है. महाशिवरात्रि के बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर शाही स्नान किए जाएंगे.

Published at : 24 Jan 2025 10:54 AM (IST)

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