मुज़फ्फरनगर। रालोद-भाजपा गठबंधन प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि बुर्के में अन्य लोगों ने मतदान करने का प्रयास किया, जिन्हें प्रशासन ने रोका। वहीं सपा, बसपा और आसपा प्रत्याशी का कहना है कि एक समुदाय के लोगों को वोट डालने से रोका गया।
रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल ने कहा कि दूसरे जिलों से आए लोगों को मस्जिदों में रोका गया था। बुर्के के जरिये फर्जी मतदान का प्रयास किया गया। भाजपा और रालोद के नेता सक्रिय थे, जिस कारण ऐसे लोगों को मतदान से पहले ही रोकने का प्रयास किया गया। प्रशासन को भी जानकारी दी गई।
बसपा प्रत्याशी शाह नजर ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम मतदाताओं को निशाना बनाया गया है। घरों से नहीं निकलने दिया गया। जबकि सभी को मतदान का अधिकार संविधान में दिया गया है। अधिकारियों को जानकारी दी गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
सपा प्रत्याशी सुम्बुल राना ने कहा कि लोकतंत्र का मजाक बनाया गया है। सीकरी, ककरौली, जौली समेत अन्य गांवों में मतदाता घरों में ही कैद कर दिए गए। पुलिस-प्रशासन का रवैया बेहद निराशाजनक रहा। चुनाव आयोग को शिकायत भेजी गई है।
आसपा प्रत्याशी जाहिद हुसैन ने कहा कि मतदाताओं को अगर वोट ही नहीं डालने दिया गया तो यह कैसा चुनाव है। संविधान में दिए गए अधिकार को पुलिस के बैरियर पर रोक लिया गया। बेवजह मतदाताओं को दिनभर परेशान किया गया। चुनाव आयोग जाएंगे।
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