उत्तराखंड में भी है मिनी स्विट्जरलैंड, यहां कैसे जा सकते हैं आप और कितना खर्च होगा?

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uttarakhand famous tourist places Chopta

उत्तराखंड को देव भूमि यूं ही नहीं कहा गया है। यहां मंदिर से लेकर हिल स्टेशन की खूबसूरती का नज़ारा देखते ही बनता है। खासकर यहां के हिल स्टेशनों का टूरिस्ट सीजन हर मौसम में छाया रहता है। आज हम उत्तराखंड की एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जो 2,860 मीटर (8,790 फीट) की ऊँचाई पर स्थित अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर है। इस हिल स्टेशन को उत्तराखंड का मिनी स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है। हम जिस जगह की बात कर रहे हैं उसका नाम है चोपटा। अगर आप छुट्टियों में किसी खूबसूरत और शांत जगह पर घूमने का मन बना रहे हैं, तो आप चोपटा जाने की प्लानिंग कर सकते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं आप इस खूबसूरत जगह कैसे पहुंचें?

कब जाएं घूमने?

यहां आने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से नवंबर तक है। यहां मार्च से मई तक का मौसम सुहाना रहता है जिसका तापमान 10 डिग्री से 30 डिग्री के बीच रहता है। उसके बाद मानसून का मौसम आता है जो जुलाई से शुरू होकर अक्टूबर में खत्म होता है। चोपता में नवंबर से मार्च तक बर्फबारी होती है और तापमान न्यूनतम -15 डिग्री से 15 डिग्री के बीच रहता है। नवंबर के महीने में बर्फबारी शुरू होती है और दिन-ब-दिन बढ़ती है।

तुंगनाथ मंदिर ज़रूर जाएं:

चोपता जाने वाले ज़्यादातर लोग भगवान शिव के दर्शन करने तुंगनाथ मंदिर में जाते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर है। चोपता से तुंगनाथ तक कोई प्रमुख रुकने का स्थान नहीं है। यहां जाते समय रास्ते में पर्याप्त पानी, ट्रैकिंग जूते, गर्म कपड़े, रेनकोट, सनस्क्रीन और फर्स्ट एड किट आदि ज़रूर रख लें। 

इसके अलावा बहुत से लोगों को यहां के दुर्गम रास्तों की ट्रेकिंग अच्छी लगती है। पाँच किलोमीटर की चढ़ाई वाला ट्रेकिंग केवल पैदल ही पहुँचा जा सकता है। जैसे-जैसे आप ऊपर जाते हैं, यह रास्ता बेहतर और चौड़ा होता जाता है।

कैसे पहुंचे चोपता?

हवाई मार्ग से चोपता पहुंचने के लिए देहरादून स्थित जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर आपको उतरना होगा। हवाई अड्डे से, चोपता पहुंचने की दूरी लगभग 220 किमी है जिसे तय करने में 9 घंटे लगते हैं। वहीं, ट्रेन के जरिए चोपता जाने के लिए आप देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश रेल्वे स्टेशन उतर कर जा सकते हैं। अगर आप बाय रोड जाने की सोच रहे हैं तो पहले दिल्ली से देहरादून और हरिद्वार के तक पहुंचना होगा और फिर वहां से चोपता जाना पड़ेगा।

इन बातों को ध्यान में रखें: 

चोपता में आपको ट्रेकिंग ज़्यादा करना पड़ सकता है इसलिए जरूरत पड़ने पर खाने के लिए हल्का नाश्ता अपने साथ रखें। अतिरिक्त सहायता के लिए चलने की छड़ी और वॉटरप्रूफ ट्रैकिंग जूते अपने साथ रखें क्योंकि बर्फ पर फिसलने की संभावना रहती है।

 

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