Diwali 2024: भारत में जुआ (gambling) खेलने का प्रचलन सदियों पुराना है. लेकिन बदलते समय के साथ जुआ खेलने के प्रारूप में भी बदलाव हुआ है. सबसे पहले जुआ चौरस के रूप में खेला जाता था. लोग दिवाली और अन्नकूट जैसे पर्व में शगुन (Shagun) के रूप में आज भी जुआ खेलते हैं और ऐसा करने को शुभ मानते हैं.
भारत में गुरुवार 31 अक्टूबर 2024 को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. दिवाली के दिन भी कई लोग ताश की पत्तियों से लेकर कैसीनो, ऑनलॉन और कई तरह से जुआ खेलते हैं. कालांतर में भी ऐसा देखा गया है कि जुआ खेलने से किसी का उद्धार नहीं बल्कि केवल विनाश ही हुआ है. इसलिए शास्त्रों में जुआ खेलने को शुभ नहीं माना जाता है.
महाभारत काल में भी जुए की वजह से ही पांडवों और कौवरों के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसका परिणाम सभी को पता है. केवल हिंदू धर्म के वेद-पुराण में ही नहीं बल्कि बाइबल, कुरान-हदीस में भी जुआ खेलने की खामियां ही बताई गई है. दिवाली के दिन भी कई लोग ताश के पत्तों से जुआ खेलते हैं. क्या यह ही है या गलत आइये जानते हैं.
सबसे पहले जानते हैं कि जुआ क्या है?
जुआ मानव सभ्यता का सबसे पुरातन खेल रहा है. जुआ हिंदी शब्द है, जिसे अंग्रेजी में गैंबलिंग कहते हैं. जैन साहित्य के श्लोक में जुआ को लेकर बताया गया है-
अन्योन्यस्येर्षया यत्र विजिगीषा द्वयोरिति।
व्यवसायादृते कर्मं द्यूतातीचार इष्यते।
यानी हार-जीत की शर्त लगाकर ताश, चौपड़, शतरंज या कोई भी दूसरा खेल खेलना, जानवरों को आपस में लड़ाना यह सब जुआ कहलाता है.
किस ग्रह से लगती है जुए या सट्टेबाजी की लत
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि कुछ लोग केवल मनोरंजन के लिए जुआ खेलते हैं तो वहीं कुछ लोगों को इसकी लत भी लग जाती है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली में यदि शुभ ग्रह जैसे गुरु, शुक्र आठवें घर में हो तो व्यक्ति को जुए की लत लग जाती है. साथ ही 11वें भाव का स्वामी छठे, आठवें और बारहवें भाव में हो तो ऐसे में भी जातक को जुए की लत लग जाती है और इसे आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है.
दिवाली पर ताश खेलने से ये ग्रह देते हैं दंड
ज्योतिष में शनि को क्रूर और राहु-केतु को पाप ग्रह माना जाता है. कई बार ये ग्रह आपके लिए उपयोगी होते हुए भी नुकसान का कारण बन सकते हैं. इस संबंध में ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास का कहना है कि- सामान्य नौ ग्रहों में सूर्य, गुरु, मंगल,चंद्र, बुध और शुक्र को शुभ माना जाता है. वहीं शनि, राहु और केतु क्रूर या पापी ग्रह माने जाते हैं. ये ऐसे ग्रह होते हैं जिनके अशुभ होने से व्यक्ति बुरे कामों में लिप्त भी हो जाता है और यही ग्रह बुरे कर्मों की सजा भी देते हैं.
दिवाली पर ताश खेलना सही या गलत
दिवाली या किसी भी दिन जुआ खेलना कतई शुभ नहीं माना जाता है. खासकर दीपावली जैसे शुभ दिन पर तो कभी नहीं. क्योंकि इस दिन देवी-देवताओं की पूजा होती है. इस दिन ताश के पत्ते फेंटने से मां लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं.
दिवाली पर जुआ खेलने को लेकर एक लोकप्रिय कहावत यह भी है कि जो इस दिन जुआ नहीं खेलता उसका अगला जन्म गधे के रूप में होता है. पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भी भगवान शिव के साथ पासा खेला था. अगर आप दिवाली पर केवल मनोरंजन के लिए ताश की पत्तियां खेलते हैं तो इसमें कोई दोष नहीं है. लेकिन जुए के रूप में किसी चीज की बाजी लगाकर ताश या कोई भी खेल खेलना आपके लिए विनाश का कारण बन सकता है.
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