Daily Voice: एएसके इनवेस्टमेंट मैनेजर्स (ASK Investment Managers) के वरिष्ठ पोर्टफोलियो मैनेजर संदीप बंसल (Sandip Bansal, Senior Portfolio Manager) ने मनीकंट्रोल (Moneycontrol) के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “सितंबर तिमाही के नतीजे अब तक निराशाजनक रहे हैं। यहां तक कि कई क्षेत्रों में कमजोर मांग के कारण उम्मीदें भी अपेक्षाकृत मामूली थीं।” उनके अनुसार, हालांकि वित्त वर्ष 2025 के अनुमानों में कटौती हो सकती है। लेकिन बाजार वित्त वर्ष 2026 के आंकड़ों पर अधिक फोकस कर सकता है, जिसका प्रभाव हल्का हो सकता है।
एएसके इन्वेस्टमेंट कंजम्पशन स्पेस में दांव लगा रहा है। इक्विटी बाजारों में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कहा, “स्टेपल और डिस्क्रेशनरी दोनों में हमारे पास कंजम्पशन स्पेस में महत्वपूर्ण निवेश है।”
क्या आपको वित्त वर्ष 2025 के लिए कमाई के अनुमान में कमी दिख रही है, खासकर सितंबर तिमाही के आंकड़ों के बाद?
अब तक के नतीजे अपेक्षाकृत कम उम्मीदों पर भी निराशाजनक रहे हैं। यह मुख्य रूप से कई जोन में धीमी मांग के कारण हुआ है। हालांकि, ग्रामीण रिवाइवल, सरकारी ऑर्डर और बजटीय रन-रेट से पीछे चल रहे खर्च में बढ़ोतरी और अन्य फैक्टर्स के बीच निर्यात में संभावित तेजी के साथ अच्छे मानसून के कारण बाद की तिमाहियों में क्रमशः सुधार होने की संभावना है। हालांकि वित्त वर्ष 2025 के कमाई के अनुमानों में कटौती हो सकती है। बाजार संभवतः वित्त वर्ष 2026 के आंकड़ों पर अधिक फोकस करेगा, जिसका प्रभाव हल्का हो सकता है।
क्या आप मानते हैं कि रुक-रुक कर सुधार के बावजूद स्मॉल-कैप और मिड-कैप सेगमेंट आगे चलकर महंगे बने रहेंगे?
स्मॉल-कैप और मिड-कैप बास्केट में विविध प्रकार के व्यवसाय होते हैं। पिछले कुछ वर्षों में उनके भीतर के कई सेक्टर्स में स्ट्रक्चरल बदलाव हुए हैं। जिससे या तो आय में मजबूत सुधार हुआ है या दीर्घकालिक ग्रोथ संभावनाएं अधिक स्पष्ट हुई हैं। इसलिए, जहां भी बुनियादी बातें सहायक होंगी, वहां वैल्यूएशन ऊंचा बना रह सकता है। जहां आय उम्मीदों से कम है और स्टॉक अधिक आशावादी या लिक्विडिटी पर निर्भर हो, वहां बाजार अधिक निराशाजनक होने की संभावना है। उन्हें ठीक होने में अधिक समय भी लग सकता है।
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क्या अब मेटल सेक्टर पर दांव लगाने का समय आ गया है?
बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च होना, बढ़ती निर्माण गतिविधि और मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि के कारण भारत में वॉल्यूम ग्रोथ मजबूत बने रहने की संभावना है। इसलिए मेटल सेक्टर में अधिकांश बड़ी भारतीय कंपनियां क्षमता विस्तार कर रही हैं। मेटल की कीमतें मुख्य रूप से चीन द्वारा संचालित होती हैं। चीन पास वैश्विक खपत और उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा है। चूंकि चीनी रियल एस्टेट क्षेत्र गिरावट की ओर अग्रसर है, इसलिए हम सतर्कता बनाये हुए हैं। हालांकि चीन में हाल के नीतिगत उपायों से सेंटीमेंट्स में उछाल आया है। इसके लिए निरंतर और व्यापक सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है। भारत में आयात या डॉलर को कमजोर होने से बचाने वाला कोई भी टैरिफ या गैर-टैरिफ उपाय, इस क्षेत्र के लिए सकारात्मक हो सकता है।
क्या आप कंजम्पशन सेक्टर पर दांव लगा रहे हैं?
हां, स्टेपल और डिस्क्रेशनरी दोनों सेक्टर में कंजम्पशन में हमारा महत्वपूर्ण योगदान है। जबकि स्टेपल्स बास्केट में सौम्य ग्रोथ है। हमारा नजरिया उन व्यवसायों में निवेश करना है जो प्रोडक्ट सुइट्स, वितरण का दायरा बढ़ाकर या नए भौगोलिक सेक्टर्स में प्रवेश करके काफी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। हम ट्रवेल, होम इम्प्रूवमेंट और रिटेल जैसे कई सेगमेंट को पसंद करते हैं।
(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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