Nifty Bank और 2000 प्वाइंट्स गिर सकता है, रोहित श्रीवास्तव का यह अनुमान सही साबित हुआ तो…. – nifty bank may fall 2000 points further what will happen if rohit srivastava expectation comes true

स्टॉक मार्केट में 25 अक्टूबर को आई गिरावट ने आपको हिला दिया है तो आपको जल्द आराम मिलने नहीं जा रहा है। इंडियाचार्ट्स डॉट कॉम के रोहित श्रीवास्तव का मानना है कि निफ्टी बैंक में और 2000 प्वाइंट्स की गिरावट आने वाली है। इसके बाद ही यह सूचकांक संभलेगा। श्रीवास्तव ने यह अनुमान 25 अक्टूबर को जताया, जिस दिन निफ्टी बैंक में 1000 प्वाइंट्स की गिरावट देखने को मिली। यह 50,500 प्वाइंट्स के नीचे आ गया।

RSI गिरकर 39 पर आया

श्रीवास्तव ने कहा कि चार्ट्स पर रिलेटिव इंडेक्स (RSI) गिरकर 39 पर आ गया है। यह ओवरसोल्ड जोन के करीब है। आरएसआई का 30 से नीचे जाने का मतलब होता है कि स्टॉक ओवरसोल्ड है। हालांकि, उन्होने यह भी कहा कि जब बाजार में बड़ी गिरावट जारी हो तो ओवरसोल्ड की थ्योरी ज्यादा काम नहीं करती है। उन्होंने कहा कि Nifty Bank 48,500 पर जाकर स्टेबलाइज कर सकता है। इसका मतलब है कि अभी इसमें और 2000 रुपये की गिरावट आएगी।

इस लेवल पर मिलेगा सपोर्ट

25 अक्टूबर को मार्केट में चौतरफा गिरावट देखने को मिली। निफ्टी में लगातार चौथे दिन गिरावट देखने को मिली। श्रीवास्तव ने कहा कि 23,700 के लेवल के बाद निफ्टी के लिए सपोर्ट 23,200 रुपये पर मिलेगा। यह 200-DMA के करीब है। इससे पहले सीएलएसए के चार्टिस्ट लॉरेंस बैलेंको ने भी कहा था कि निफ्टी 200-DMA का लेवल अगले 20 ट्रेडिंग सेशन में टेस्ट कर सकता है। अगर रिस्क रिवॉर्ड के लिहाज से देखा जाए तो शॉर्ट ट्रेड निफ्टी बैंक के मुकाबले निफ्टी में अट्रैक्टिव लगता है।

2200 गिर चुका है निफ्टी

मार्केट में गिरावट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 27 सितंबर को अपने लाइफ-टाइम हाई से निफ्टी 2,200 से ज्यादा गिर चुका है। इस दौरान निफ्टी बैंक में 4000 प्वाइंट्स की गिरावट आई है। श्रीवास्तव ने कहा कि शॉर्ट टर्म इंडिकेटर्स अमेरिकी मार्केट्स में भी बिकवाली के संकेत दे रहे हैं। 24 अक्टूबर को अमेरिकी बाजार के सूचकांकों की क्लोजिंग मिलीजुली रही। टेस्ला के अच्छे नतीजों से नैस्डैक हरे निशान में बंद होने में सफल रहा था।

वैल्यूएशन में आएगी कमी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अक्टूबर की गिरावट से मार्केट की वैल्यूएशन में कमी आई है। लगातार तेजी के बाद शेयरों की वैल्यूएशन काफी बढ़ गई है। बुलरन के बीच करेक्शन आम बात है। गिरावट आने पर शेयरों की कीमतें अट्रैक्टिव हो जाती है। यह अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट का मौका होता है। निवेशकों को इस गिरावट का इस्तेमाल खरीदारी के लिए करना चाहिए।

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