Guru Pushya Nakshatra 2024 before dhanteras and diwali on 24 october auspicious for purchasing

Guru Pushya Nakshatra 2024: दीपावली पर्व के पहले इस बार गुरु-पुष्य का महासंयोग बन रहा है. गुरु-पुष्य के साथ ही अमृतसिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि योग, साध्य योग, लक्ष्मी योग भी है, जिससे इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ गया है. इन शुभ संयोग पर महालक्ष्मी के साथ अपने कुलदेव या आराध्य देव और धन कुबेर की पूजा अर्चना करने से घर में महालक्ष्मी का वास होगा. जीवन में खुशहाली और समृद्धि आएगी.

नक्षत्रों का राजा है पुष्य

पुष्य नक्षत्रों का राजा है. पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति और स्वामी शनि हैं. पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क है. सभी नक्षत्रों में इसे सर्वाधिक शुभ नक्षत्र की संज्ञा दी गई है. इसमें किया गया कोई भी कार्य पुण्यदायी और तुरंत फल देने वाला होता है. यह नक्षत्र इतना शुभ है कि विवाह को छोड़कर बिना पंचांग देखे इस दिन किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है. वार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र रहेगा. दीपावली महापर्व के पहले पुष्य नक्षत्र में जो भी खरीदेंगे, वो अक्षय रहेगा यानी कभी खत्म नहीं होगा.

इन कामों के लिए 24 अक्टूबर का दिन अतिशुभ

इस दिन गृह प्रवेश, सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि खरीदने से परिवार में धन की वृद्धि होती है, स्थायी लाभ मिलता है, परिवार के सदस्यों की प्रगति होती है. शुभ काम, पूजा-पाठ और घर के उपयोगी सामान के साथ रियल एस्टेट में निवेश, भी श्रेष्ठ है. यदि आपको किसी संपत्ति का पंजीकरण कराना है या कोई भूमि संबंधित लेनदेन करना है, खास तौर पर जमीन, फ्लैट या संपत्ति के लिए तो पुष्य नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ है.

 पुष्य नक्षत्र में कर सकते हैं ये काम

  • अगर आप पुष्य नक्षत्र में कुछ भी नहीं खरीद सकते है, तो विष्णु भगवान और लक्ष्मी जी की पूजा जरुर करें. इस नक्षत्र में पूजा से शीघ्र शुभ फल मिलता है.  
  • कार्तिक कृष्ण पक्ष की नवमी गुरुवार, 24 अक्टूबर के दिन पूरे दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा. इसी दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक है.
  • दुकान-ऑफिस-फैक्ट्री और घर में इस दिन अभिमंत्रित श्रीयंत्र स्थापित कर श्रीसूक्त, महालक्ष्मी सूक्त, विष्णु श्रीसूक्त, लक्ष्मी स्त्रोत या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. इससे माता महालक्ष्मी प्रसन्न होंगी, उनकी विशेष कृपा के पात्र बनेंगे एवं व्यापार में उन्नति और घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होगा. रोजाना इनका पाठ करने से वैभव की प्राप्ति होती है.
  • यदि आपकी कुंडली में देवगुरु बृहस्पति कमजोर है, तो ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करें और भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें. इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. केसर और चने की दाल का दान करें.

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