Israel Palestine Conflict astrology prediction Situation like third world war will use lethal weapons | Israel Palestine Conflict: इजरायल

Israel Palestine Conflict: लंबे समय से चले आ रहे इजरायल और फिलिस्तीन दोनों देशों के बीच के युद्ध में कितनी घातक स्थिति हो सकती है या कहीं यह युद्ध तीसरे विश्व युद्ध (Third Worls war) का रूप ना ले ले और इसमें परमाणु या जैविक हथियार इस्तेमाल करने का खतरा तो नहीं है. इन बातों को हम ज्योतिष के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे, जिसके लिए हम तीन कुंडलियों का इस्तेमाल करेंगे. पहली विश्व कुंडली, दूसरी फिलिस्तीन की कुंडली और तीसरी इजरायल की कुंडली.

विश्व कुंडली ( World Kundli):-

विश्व कुंडली 13 अप्रैल 2024 को समय कल 9:04 की है या वृश्चिक लग्न की कुंडली है, जिसमें चतुर्थ भाव में मंगल तथा शनि का द्वंद योग बना है. पंचम भाव में शुक्र राहु बुध तथा सूर्य की युति बनी हुई है, छठे भाव में बृहस्पति है. अष्टम भाव में चंद्रमा तथा ग्यारहवें भाव में केतु है.

युद्ध की परिस्थितियां तो इसमें बनती दिख रही है, क्योंकि चतुर्थ भाव में शनि और मंगल का द्वंद योग बना हुआ है. इसके साथ-साथ यदि हम कुंभ राशि को देखें तो यह एक वायु तत्व की राशि है और अग्नि तत्व का ग्रह मंगल वायु तत्व की राशि में है. जब अग्नि को वायु मिलती है तो अग्नि और अधिक भटकती है. मंगल ज्योतिष में अस्त्र-शस्त्र और विस्फोटक हथियारों का प्रतीक माना गया है.

यदि मंगल शनि का हम वायु तत्व की राशि में संयोग देखें तो आकाशीय हमले होने की प्रबल संभावना है, जिसमें बड़े स्तर के विस्फोटक हथियार इस्तेमाल किए जा सकते हैं और जैसा कि मंगल भूमि तत्व का प्रतीक है और चतुर्थ भाव भूमि से संबंध रखता है तो इसमें जमीनी हमले भी बड़े अस्त्र शस्त्रों के साथ किए जा सकते हैं.

क्या परमाणु या जैविक हथियार प्रयोग होंगे?

परमाणु हथियारों के प्रयोग होने की संभावना कम प्रतीत होती है, क्योंकि परमाणु हथियारों जैसे बड़े स्तरीय हमले के लिए मंगल के साथ राहु अथवा केतु का होना भी आवश्यक है तथा शनि का भी इसमें किसी न किसी प्रकार से योगदान जरूरी है क्योंकि शनि रासायनिक चीजों से संबंधित है और मंगल तथा राहु या मंगल तथा केतु की युति ज्वलनशील वस्तुओं से संबंध रखते हैं.

यदि विश्व कुंडली में देखें तो राहु का शनि और मंगल से कोई संबंध नहीं है इसलिए जैविक हथियार या परमाणु हथियार का प्रयोग हो पाना संभव नहीं लगता है.

वहीं जैविक हथियारों के प्रयोग के लिए हमें बृहस्पति को देखना पड़ता है, क्योंकि ज्योतिष में बृहस्पति को जीव कारक अथवा जीवन कारक कहा गया है. यदि राहु केतु मंगल और शनि का आपस में कोई संबंध बनता है तो इसमें जैविक हथियारों का प्रयोग इस्तेमाल होने की संभावना प्रबल हो जाती है.

विश्व कुंडली में शनि की तीसरी दृष्टि छठे भाव में बैठे बृहस्पति पर हैं लेकिन राहु के साथ इसका संबंध नहीं है इसलिए जैविक हथियारों का प्रयोग करने की संभावनाएं बहुत कम है. यदि किसी प्रकार से जैविक हथियारों का इस्तेमाल कर भी दिया गया तो बड़े स्तर पर नुकसान हो पाने की संभावना कम रहेगी.

कौन देश करेगा बड़े हथियारों का इस्तेमाल?

इजराइल की कुंडली (Israel Kundli):- इजरायल की कुंडली 14 में 1948 साइन 4:00 बजे टेलअविव, इजरायल की कुंडली है. यह कन्या लग्न की कुंडली है जिसके द्वितीय भाव में केतु, चतुर्थ भाव में स्वराशि का बृहस्पति, अष्टम भाव में राहु, नवम भाव में सूर्य बुध, दशम भाव में शुक्र, एकादश भाव में चंद्रमा तथा शनि तथा द्वादश भाव में मंगल है. 

फिलिस्तीन की कुंडली (Palestine Kundli):- फिलिस्तीन की कुंडली 15 नवंबर 1988 रात्रि 12:40 गाज़ा स्ट्रिप की कुंडली है. यह सिंह लग्न की कुंडली है जिसमें लग्न में केतु, द्वितीय भाव में शुक्र, तृतीय भाव में बुध सूर्य, पंचम भाव में शनि, छठे भाव में चंद्रमा, सप्तम भाव में राहु, अष्टम भाव में मंगल तथा दशम भाव में बृहस्पति हैं.

इसराइल और फिलिस्तीन की कुंडली यदि हम देखें तो हथियारों के प्रयोग की दृष्टि से इजरायल की कुंडली मजबूत प्रतीत होती है. क्योंकि इजरायल की कुंडली के द्वादश भाव में हथियारों का कारक ग्रह मंगल अग्नि तत्व की राशि में बैठा हुआ है जिसकी सातवीं दृष्टि छठे भाव में वायु तत्व की राशि पर है और जब हथियारों वाला ग्रह छठे भाव को देख रहा है और वहां उसके विशेष तत्व को बढ़ाने वाली राशि हो तो अधिकतर संभावना रहती है कि ऐसे में देश अपने शत्रु पर बड़े स्तर के हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है जो भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

जबकि फिलिस्तीन की कुंडली का छठा भाव यदि देखें तथा मंगल की दृष्टि अथवा किसी अन्य गर्म ग्रह की दृष्टि का कोई प्रभाव छठे भाव पर नहीं है. तो यह छठे भाव अर्थात शत्रुओं पर बड़ा हमला करने में या किसी प्रकार के विशेष हथियार का इस्तेमाल करने में सफल नहीं हो पाता है. फिलिस्तीन की कुंडली के छठे भाव में चंद्रमा है. यह जल तत्वों का ग्रह है तथा हथियारों से संबंधित इसका लेनदेन बहुत ही कम है.

इसके अलावा पंचम भाव में शनि तथा सप्तम भाव में राहु होने के कारण छठा भाव पापकर्तरी दोष में है तथा चंद्रमा भी पापकर्तरी में है जिसके कारण फिलिस्तीन घुटने टेकने पर मजबूर हो सकता है.

क्या हो सकता है तीसरा विश्वयुद्ध?

विश्व कुंडली के छठे भाव में बृहस्पति विराजमान है. छठे भाव में कोई घातक ग्रह भी नहीं है और विश्व कुंडली का लग्नेश मंगल केंद्र में है और मजबूत कहा जा सकता है. इसलिए विश्व युद्ध होने की संभावनाएं बहुत कम है. क्योंकि बृहस्पति का छठे भाव में होना इतने बड़े स्तर का नुकसान नहीं दिखाता है कि विश्व के विशेष देशों को भी हानि हो. ऐसे में इन तीनों कुंडलियों के विश्लेषण से कहा जा सकता है कि तीसरा विश्व युद्ध होने की संभावनाएं नहीं है.

निष्कर्ष (conclusion)- तीनों कुंडलियों का निष्कर्ष यदि हम निकले तो यह कुंडलियां बताते हैं कि परमाणु अथवा जैविक हथियारों का इस्तेमाल होने की संभावना बहुत कम है. लेकिन इसराइल के द्वारा बड़े स्तर के विस्फोटक और घातक हथियारों का इस्तेमाल किया जाना संभव है और फिलिस्तीन इसराइल के आगे घुटने टेक सकता है.

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[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

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