SEBI का डंडा- सट्टा होगा ठंडा? 6 प्वाइंट में आसान भाषा में समझिए क्या हुआ और किस पर क्या होगा असर, बाजार कैसे करेगा रिएक्ट?

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) पर नया सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के मुताबिक, F&O से जुड़े नए नियम 20 नवंबर से लागू होंगे. 1 फरवरी से ऑप्शन बायर्स से अपफ्रंट प्रीमियम और इंट्रा-डे पोजिशन लिमिट की निगरानी होगी. डेरिवेटिव्स के लिए इंडेक्स वायदा कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू कम से कम 15 लाख रुपए होगी. मौजूदा समय में ये 5 लाख से 10 लाख रुपए तक होती है. SEBI के मुताबिक, फ्यूचर्स एंड ऑप्शन के नए नियम कई चरणों में लागू होंगे.

क्यों लाए गए नए नियम?

डेरीवेटिव मार्केट में काफी जोखिम है. सेबी को चिंता है कि इसमें रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ रही है. निवेशकों का रुझान इधर इसलिए ज्यादा बढ़ा है क्योंकि यहां बड़ा मुनाफा दिखता है. लेकिन, इनमें ऐसे निवेशकों भी शामिल हैं, जिन्हें डेरीवेटिव की समझ कम है. सेबी की लिमिट बढ़ाने के पीछे मकसद यही है कि डेरीवेटिव मार्केट में ऐसे निवेशक उतरें जो मार्केट को लेकर गंभीरता से सोचते हैं.

F&O पर SEBI के सर्कुलर का बाजार पर क्या असर होगा?

1. बाजार के लिए न्यूट्रल है, इस वजह से गिरेंगे नहीं.

2. F&O वॉल्यूम में थोड़ी कमी आएगी.

3. रिटेल की सट्टेबाजी थोड़ी कम होगी.

4. बड़े फंड और ट्रेडर्स की कमाई कम होगी.

5. Algo, मशीन ट्रेड, Prop Trade और Arbitragers की कमाई घटेगी.

6. ब्रोकर्स के बिजनेस में कमी की आशंका.

क्या हुआ?

1. सिर्फ एक ही इंडेक्स की होगी वीकली एक्सपायरी

सबसे बड़े इंडेक्स की ही वीकली एक्सपायरी होगी. NSE पर निफ्टी और BSE पर सेंसेक्स की ही वीकली एक्सपायरी होगी. बाकी सभी इंडेक्स की सिर्फ मंथली एक्सपायरी होगी. 20 नवंबर से नए नियम लागू होंगे.

क्या असर होगा?

हर दिन होने वाली वीकली एक्सपायरी बंद होंगी. सस्ते ऑप्शन के लालच में पैसा गंवाने वाले रिटेल ट्रेडर्स का नुकसान कम होगा. एक्सपायरी के दिन भारी उतार-चढ़ाव का खेल बंद होगा. लेकिन एक्सचेंज वॉल्यूम बढ़ाने के चक्कर में मंथली एक्सपायरी अलग-अलग हफ्तों में रखेंगे. इसी चक्कर में और नए इंडेक्स लॉन्च होने का डर है. 

क्या हुआ?

2. Contract Size बढ़ा

Contract size बढ़कर अब 15 लाख रुपए का होगा. भविष्य में Review के समय Contract ₹15-20 लाख की रेंज में रखे जाएंगे. 20 नवंबर से नए नियम लागू होंगे.

क्या असर होगा?

लॉट साइज बढ़ने से अब ज्यादा मार्जिन देना होगा. Contract size में बढ़ोतरी उम्मीद से कम हुई है, डर था साइज 15-20 लाख के बीच हो सकता है. और 6 महीने बाद बढ़ाकर 20-30 लाख होना था, जिन्हें ट्रेडिंग की लत है उनका नुकसान बढ़ने की आशंका है. 

क्या हुआ?

3. Calendar Spread का बेनिफिट खत्म

एक्सपायरी के दिन अब Calendar Spread का फायदा नहीं मिलेगा. 1 फरवरी से नए नियम लागू होंगे.

क्या असर होगा?

अब ज्यादा मार्जिन देना पड़ेगा. रोलओवर और हेजिंग करने वालों को नुकसान होगा. आर्बिट्राज ट्रेडर्स के लिए ज्यादा मार्जिन देना निगेटिव.

क्या हुआ?

4. ऑप्शन खरीदने से पहले देना पड़ेगा पैसा

ऑप्शन ट्रेडर को Upfront premium देना होगा. 1 फरवरी 2025 से नए नियम लागू होंगे.

क्या असर होगा?

पहले दिन के अंत तक प्रीमियम देने की छूट थी. अब रिटेल निवेशक को ट्रेडिंग के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत होगी. ऑप्शन की अनाप-शनाप खरीदारी में कुछ कमी आएगी. ऑप्शन की लिक्विडिटी में कमी आने की संभावना.

क्या हुआ?

5. एक्सपायरी के दिन मार्जिन में बढ़ोतरी

Short Option Contract पर 2% ELM (Extreme Loss Margin) लगेगा.  20 नवंबर से नए नियम लागू होंगे.

क्या असर होगा?

एक्सपायरी के दिन ज्यादा मार्जिन देना होगा. ट्रेडर्स आखिरी दिन तक पोजीशन नहीं रखेंगे. जल्दी रोलओवर करेंगे या पोजीशन जल्दी खत्म करेंगे. Algo Traders, Prop Traders, Arbitragers परऔर Retail सभी के लिए निगेटिव. वैसे मार्जिन में बढ़ोतरी उम्मीद से कम, 5% तक ELM बढ़ने की आशंका थी.

क्या हुआ?

6. पोजीशन की इंट्राडे मॉनिटरिंग

दिन के दौरान ही अलग-अलग समय पर मॉनिटरिंग होगी. Exchange और Clearing Corp निगरानी करेंगे. 1 अप्रैल 2025 से नए नियम लागू होंगे

क्या असर होगा?

सभी को ज्यादा इंट्राडे मार्जिन देना होगा.

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