क्या बला है हाइपर सेंसटिव, कोई बीमारी या मन का भ्रम

Hyper Sensitive : कुछ लोग हद से ज्यादा सेंसेटिव होते हैं, जल्दी-जल्दी बीमार हो जाते हैं, छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान हो जाते हैं, इससे उन्हें कई तरह की समस्याएं होने लगती है. इसे साइकोलॉजिकल भाषा में ‘हाइपर सेंसटिव’ कहते हैं. 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाइपर सेंसटिव इंसान वह होता है, जिसमें किसी चीज को गहराई से समझने की कोशिश करते हैं. हालांकि, सेंसिटिविटी हद से ज्यादा बढ़ने पर लाइफ नेगेटिव तरह से प्रभावित होने लगती है. बहुत से लोग हाई सेंसिटिव लोगों को मेंटल डिसऑर्डर (Mental Disorder) मानते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हाइपर सेंसटिव कोई बीमारी है? 

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हाइपर सेंसटिव क्या कोई बीमारी

कोई इतना ज्यादा सेंसेटिव क्यों हो जाता है

डॉक्टर्स का कहना है कि इसके पीछे एक नहीं कई कारण हो सकते हैं. जैसे अगर कोई तनाव में है या किसी बात को लेकर परेशान है या बार-बार किसी चीज के बारें में सोचता है तो वह सेंसेटिव हो जाता है. इसके अलावा ऐसा पारिवारिक माहौल जहां सिर्फ अभाव की बाते हों या एक-दूसरे पर तंज कसा जाए या नीचा दिखाया जाए या बहुत ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ जाए तो भी इंसान बहुत ज्यादा सेंसेटिव हो जाता है.

क्या पढ़ा लिखा होना भी सेंसेटिव बनाता है

डॉक्टर्स का कहना है कि आमतौर पर ज्यादा पढ़ा-लिखा होना भी किसी के नेचर को सेंसेटिव बना सकता है, क्योंकि इस तरह के इंसान को किसी सब्जेक्ट को लेकर अलग तरह से देखने, गहराई से समझने की क्षमता होती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि ज्यादा पढ़ना बेकार ही है. 

क्या रिस्पांसिबिलिटी भी सेंसेटिव बिहैवियर का कारण

डॉक्टर्स बताते हैं कि अगर कोई हाई पोस्ट पर है तो उस पर अच्छे रिजल्ट की साइकोलॉजिकल रिस्पांसिबिलिटी होती है, जो उसे सेंसेटिव बना सकती है. इसके अलावा, ऐसे बच्चे, जिन्हें बचपन में पैरेंट्स का ज्यादा प्यार मिला हो, वे आगे चलकर अक्सर इस बिहैवियर के हो जाते हैं. ऐसे लोगों को अपनी लाइफ में कई तरह की दिक्कतें होती हैं. ओवरथिंकिंग उन्हें परेशानी में डाल सकता है.

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