मंच पर बीमार पड़े मल्लिकार्जुन खरगे, कहा- मोदी के सत्ता से बेदखल होने के बाद ही मरूंगा

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए कठुआ पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मंच पर भाषण देते हुए बीमार पड़ गए। इसके बाद उनके भाषण को बीच में रोका गया और पार्टी नेताओं ने उनका हाथ पकड़कर कुर्सी पर बैठाया। पार्टी नेताओं ने बताया कि अब उनकी हालत स्थिर है और डॉक्टरों को उनका चेकअप करने के लिए बुलाया गया है। हालांकि, कुछ देर बाद फिर से उन्होंने मंच से कहा कि मैं अभी 83 साल का हूं, जल्दी मरने वाला नहीं हूं। मैं तब तक जिंदा रहूंगा जब तक पीएम मोदी सत्ता से बेदखल नहीं हो जाते।

खरगे कठुआ में आतंकवादियों के साथ चल रहे ऑपरेशन में शहीद हुए एक हेड कांस्टेबल को श्रद्धांजलि दे रहे थे। इस घटना में दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं और एक आतंकवादी मारा गया है। कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने पीटीआई को बताया, “वह जसरोटा में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें बेचैनी और चक्कर आने लगा। उनके सहयोगियों ने उन्हें कुर्सी पर बैठाने में मदद की।” उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष की हालत स्थिर है। खरगे विधानसभा चुनावों में अपने पार्टी उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए एक रैली को संबोधित करने के लिए जसरोटा गए थे। उनका उधमपुर जिले के रामनगर में एक और जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है।

तबीयत बिगड़ने से पहले रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर के लोगों ने ठान लिया है कि इस बार कांग्रेस और NC के गठबंधन को सरकार में लेकर आना है। बीजेपी के लोग यहां आकर भड़काऊ भाषण देते हैं। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि इससे देश के लोगों का.. खासकर गरीबों और हमारी मां-बहनों का नुकसान होता है। बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से बहुत सारे वादे किए, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। अब अमित शाह कहते हैं कि हम पांच लाख नौकरियां देंगे। लेकिन सवाल है कि 10 साल में आपने क्या किया, क्यों नौकरियां नहीं दीं? जम्मू-कश्मीर में 65% सरकारी पद खाली हैं, इतने साल में आपने इन पदों को क्यों नहीं भरा? असलियत ये है कि ये केवल लोगों को गुमराह करना चाहते हैं।”

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रवींद्र शर्मा ने बताया कि खड़गे को चक्कर आ गया और उन्हें एक कमरे में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों को जांच के लिए बुलाया गया। उन्होंने कहा कि वे सलाह देंगे कि वह दूसरी रैली में शामिल हो सकते हैं या नहीं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में दस सालों के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, जबकि हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव करवाए जा रहे। हरियाणा में पांच अक्टूबर को वोटिंग के बाद आठ अक्टूबर को दोनों राज्यों के नतीजों का ऐलान होगा।

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