
पितृपक्ष चल रहे हैं. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनके निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. लेकिन श्राद्ध करने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है वह है स्थान. आइये जानते हैं किन स्थानों पर कर सकते हैं श्राद्ध.

घर पर श्राद्ध: पितृपक्ष में आप पितरों का तर्पण घर पर भी कर सकते हैं. इसके लिए घर के दक्षिण दिशा को अच्छा माना जाता है. दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके आप तर्पण कर सकते हैं. क्योंकि यह दिशा यमलोक की मानी जाती है.

बरगद वृक्ष के नीचे: पितरों का तर्पण आप घर के आस-पास वट यानी बरगद वृक्ष के पास भी कर सकते हैं. दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके आप इस स्थान पर भी श्राद्ध कर सकते हैं. मान्यता है कि इस दिशा में किया श्राद्ध पितरों तक पहुंचता है और वे तृप्त होते हैं.

नदी तट पर: गरुड़ पुराण के अनुसार नदी तट पर श्राद्ध कर्म करना शुभ करना शुभ माना जाता है. पवित्र नदियों के तट के साथ समुद्र किनारे जैसी जगहों पर भी बैठकर विधि-विधान से श्राद्ध किया जा सकता है.

गौशाला में श्राद्ध: शास्त्रों में श्राद्ध कर्म करने के लिए गौशाला को भी उचित बताया गया है. गौशाल को पहले गोबर से लीप लें उसके बाद यहां दक्षिण दिशा की ओर बैठकर विधि-विधान से श्राद्ध करें.

जंगल में श्राद्ध: पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने वाले स्थानों में वन या जंगल भी एक है. जंगल प्रकृति का मूल भाग है, इसलिए यहां भी आप पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं.
Published at : 23 Sep 2024 06:11 AM (IST)
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