Lahore square should be named Shaheed Bhagat Singh Square Pakistan high court gave last chance to respond to punjab government on petition

Pakistan News: पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार (13 सितंबर 2024) को पंजाब सरकार को लाहौर के एक चौराहे का नाम स्वतंत्रता संग्राम के नायक शहीद-ए-आजम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने के संबंध में आदेश का अनुपालन नहीं करने पर नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए अंतिम मौका दिया.

पंजाब सरकार को दिया अंतिम मौका

लाहौर में शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने के अदालत के आदेश पर पाकिस्तान की पंजाब सरकार की ओर से अमल न किये जाने पर उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही के अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही थी. लाहौर हाई कोर्ट के जज शम्स महमूद मिर्जा ने भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को इस मामले पर जवाब देने का अंतिम मौका दिया.

पंजाब के सहायक महाधिवक्ता साद बिन गाजी अदालत में पेश हुए और जवाब देने के लिए और समय मांगा. जज ने अपने आदेश में कहा, ‘‘पंजाब के सहायक महाधिवक्ता के अनुरोध पर, (पंजाब) सरकार को इस मामले पर जवाब देने का आखिरी मौका दिया जाता है.’’ याचिकाकर्ता के वकील खालिद जमान खान काकर ने अदालत को बताया कि इस मामले में पहले ही काफी देरी हो चुकी है और इस पर तुरंत फैसला किया जाना चाहिए.

नवंबर में होगी अगली सुनवाई

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर 2024 को तय की है. फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी ने शादमान चौक का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने में सरकार के विफल रहने पर अवमानना ​​याचिका दायर की थी. कुरैशी ने कहा कि लाहौर हाई कोर्ट ने 2018 में सरकार को शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का आदेश दिया था, जहां उन्हें 1931 में फांसी दी गई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘प्रांतीय और जिला दोनों सरकारों ने जानबूझकर लाहौर हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, इस प्रकार अवमानना हुई.’’ भगत सिंह ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी और उस समय देश अविभाजित था. भारतीय उपमहाद्वीप में स्वतंत्रता सेनानी का न केवल सिखों और हिंदुओं से बल्कि मुसलमानों से भी सम्मान किया जाता है.

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