सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने ‘सामान्य परिस्थिति’ में ही वॉकहार्ट की सहयोगी इकाई को प्रॉपर्टी किराए पर दिया था और इससे हासिल इनकम का बाकायदा ऐलान कर इस पर टैक्स का भुगतान भी किया गया था। बुच दंपति ने 13 सितंबर को निजी तौर पर बयान जारी कर कहा कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) को इस सिलसिले में सभी डिस्क्लोजर दे दिए गए थे और सेबी चेयरपर्सन ने वॉकहार्ट से जुड़ी किसी भी फाइल या केस में दखल नहीं दिया।
बुच दंपति की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘माधबी और धवल की प्रॉपर्टी से हासिल रेंटल इनकम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इस प्रॉपर्टी को सामान्य परिस्थिति में किराए थे और संयोगवश किराएदार वॉकहार्ट की सहयोगी इकाई थी, जो जांच के दायरे में आ गई। माधबी ने वॉकहार्ट से जुड़ी किसी भी फाइल में किसी तरह का कोई भी दखल नहीं दिया है।’
बयान में आगे कहा गया है कि रेंटल एग्रीमेंट स्टैंडर्ड मार्केट रूल के मुताबिक किया गया था और इस हिसाब से ही टैक्स का भुगतान किया गया। बयान के मुताबिक, ‘इंटरनेट पर सामान्य तरीके से भी सर्च करने पर यह पता लगाया जा सकता है कि इस प्रॉपर्टी से रेंटल इनकम मार्केट रेट के मुताबिक था। यह दावा गलत है कि रेंटल मार्केट रेट से अलग था। सेबी के होलटाइम मेंबर के तौर पर 2017 में माधबी की नियुक्ति के बाद से मार्केट रेगुलेटर को सभी डिस्क्लोजर दिए जा चुके हैं, जिसमें प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू और रेंटल इनकम से जुड़े ब्यौरे भी शामिल हैं।’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया था कि सेबी चीफ ने वॉकहार्ट ग्रुप की कंपन कैरोल इंफो सर्विसेज को अपनी प्रॉपर्टी किराए पर दी जिसके खिलाफ मार्केट रेगुलेटर इनसाइडर ट्रेडिंग समेत कई मामलों की जांच कर रहा है।
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