लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न लोगों को सम्मानित किया गया। साथ ही, संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन की बुकलेट का विमोचन एवं विकास कार्यों का लोकार्पण किया। भारत की ऋषि परंपरा के अनुरूप यह आयुर्विज्ञान संस्थान एक अस्पताल से आज इंस्टिट्यूट बनकर न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तर भारत में चिकित्सा-शिक्षा के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में सेवा प्रदान कर रहा है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि, उत्तर प्रदेश अकेले 5.11 करोड़ से अधिक लोगों को आयुष्मान भारत का गोल्डन कार्ड जारी कर चुका है। इससे पहले इन लोगों को कोई सुविधा नहीं थी। एक डॉक्टर का अनुभवी होने के साथ-साथ, उस फील्ड का विशेषज्ञ होने के साथ-साथ…उतना ही संवेदनशील होना भी आवश्यक होता है। यह आवश्यक नहीं कि एक ही दवा एक व्यक्ति पर अनुकूल हुई तो सभी पर होगी…ऐसा संभव नहीं है… हमें हर एक फैकल्टी मेंबर के लिए अनिवार्य करना चाहिए वे अपने प्रत्येक पेशेंट पर हर महीने एक स्टडी पेपर लिखें।
आज लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित हुआ।
इस अवसर पर चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न लोगों को सम्मानित किया गया। साथ ही, संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन की बुकलेट का विमोचन एवं विकास कार्यों… pic.twitter.com/rz7I3QVpz8
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 13, 2024
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इसके साथ ही कहा, 2017 में सरकार आई, जुलाई में हमने अभियान प्रारंभ किया। 2019 में…मात्र 02 वर्ष में हमने इंसेफेलाइटिस को नियंत्रित कर दिया। आने वाले समय में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप आज हम वन ‘डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल कॉलेज’ की तरफ बढ़ चुके हैं। एक छोटी सी अवधि में एक हॉस्पिटल, एक संस्थान के रूप में विकसित होकर नई संभावनाओं को जन्म दे रहा है।
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