लेमन ट्री होटल्स का प्रदर्शन इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बेहतर रहने की उम्मीद है। पहली तिमाही में ऑक्युपेंसी कम रही और ऑपरेटिंग मार्जिन में गिरावट आई। इसकी कई वजहें रही। इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थिति बेहतर होने की संभावना है। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही को हॉलीडे के लिहाज से व्यस्त सीजन माना जाता है। इस दौरान ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं। इस दौरान मौसम की स्थितियां भी अच्छी होती है।
कंपनी को मजबूत डिमांड का फायदा मिलेगा
Lemon Tree Hotels रूम इनवेंट्री का रेनोवेशन कर रही है, जिसके इस वित्त वर्ष की पहली छमाही के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। ये रूम्स दूसरी छमाही में ग्राहकों को उपलब्ध होंगे। इससे कंपनी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। रेनोवेटेज रूम्स की ज्यादा प्राइस का फायदा भी रेवेन्यू के मामले में कंपनी को मिलेगा। अगले कुछ सालों में होटल इंडस्ट्री में डिमांड सप्लाई से ज्यादा रहने की संभावना है। इसकी कई वजहें हैं। लोगों की इनकम बढ़ रही है। लोग घूमने के लिए निकल रहे हैं। कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। सरकार भी पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।
अच्छी डिमांड से रूम का किराया बढ़ाने में मदद मिलेगी
होटल इंडस्ट्री में रूम्स की सप्लाई बढ़ रही है। लेकिन, यह डिमांड के मुकाबले कम है। Horwath HTL की रिपोर्ट के मुताबिक, FY24 से FY27 के दौरान इंडस्ट्री में डिमांड की ग्रोथ 10.6 फीसदी रहने की संभावना है, जबकि सप्लाई सिर्फ 6.4 फीसदी रेट से बढ़ने की उम्मीद है। सप्लाई के मुकाबले डिमांड ज्यादा रहने से रूम्स के किराए में अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है। इसका अच्छा असर होटल कंपनियों के मार्जिन पर भी पड़ेगा।
कंपनी का नए 4000 रूम्स जोड़ने का प्लान
लेमन ट्री होटल्स ने मजबूत डिमांड का फायदा उठाने के लिए रूम्स की संख्या बढ़ाने का प्लान बनाया है। अभी उसके रूम्स की कुल संख्या 10,000 है। इसमें वह 4000 नए रूम्स जोड़ेगी। यह काम कंपनी मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट रूट के जरिए करेगी। कंपनी एसेट-लाइफ ग्रोथ पर फोकस कर रही है। इससे उसका रिटर्न रेशियो बेहतर रेहगा। साथ ही मांग कमजोर पड़ने पर साइक्लिकल रिस्क भी कम रहेगा।
यह भी पढ़ें: Patanjali Foods का शेयर 4% लुढ़का, लार्ज डील्स में बिकी 3% से ज्यादा हिस्सेदारी
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
Lemon Tree Hotels का कैश फ्लो अगले दो सालों में कराब 500-600 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। कंपनी ने कर्ज के बोझ को घटाने का प्लान बनाया है। इससे अगले वित्त वर्ष तक कंपनी का डेट-इक्विटी रेशियो घटकर 1.15 गुना रह जाने की उम्मीद है। अभी यह दोगुना है। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में कमजोर आउटलुक की वजह से पिछले 10 हफ्तों में कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। इस दौरान जहां निफ्टी 7 फीसदी चढ़ा है वही कंपनी के शेयर में 15 फीसदी गिरावट आई है। लेकिन, दूसरी तिमाही में शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है।
Read More at hindi.moneycontrol.com