ravan relation between subahu maricha and tadka read ramayan story

Ramayan: रामायण सभी ने सुनी है. वाल्मीकि जी ने संस्कृत भाषा में रामायण को लिखा जिसमें श्रीराम (Ram) की जीवन गाथा है. रामायण का अर्थ राम+आयणम् ; जिसका शाब्दिक अर्थ राम की जीवन यात्रा. रामायण के सभी पात्र को लोग बखूबी से जानते हैं.

रामायण पवित्र ग्रंथ हैं. इसकी कहानी जितनी आदर्शवादी है उसके पात्र उतने ही प्रेरणा से भरे. रामायण के मुख्य पात्रों को तो हर कोई जानता है. लेकिन क्या आप बता सकते हैं कि रामायण में मारीच, ताड़का और सुबाहु कौन थे और इनका रावण (Raavan)से क्या संबंध था?

रावण का मारीच से संबंध  
मारीच (Maricha) का नाम रामायण देख चुके लोगों को अच्छे से पता होगा. मारीच वही राक्षस था, जिसने त्रेतायुग में हिरण का भेष धारण किया था जिसकी वजह से सीता जी (Sita) का हरण हुआ था.

दरअसल शूर्पणखा (Shurpanakha) के अपमान का बदला लेने के लिए रावण मारीच के पास पहुंचा. रावण मारीच का भांजा था. रावण के कहने पर मारीच भेष बदल स्वर्ण का हिरण बनकर पंचवटी पहुंचा. जिस वजह से रावण सीता जी का हरण करने में सफल हो पाया. 

रावण का सुबाहु से संबंध 
अयोध्या कांड में जब गाधि-पुत्र मुनिवर विश्वामित्र अयोध्या (Ayodhya) पधारे तो दशरथ ने उनका आदर सत्कार किया.  मुनिवर विश्वामित्र ने व्रत की दीक्षा ली थी. किंतु जब जब व्रत की दीक्षा समाप्त होने के अवसर पर आती तो उनकी यज्ञवेदी पर मारीच और सुबाहु (Subahu)नाम के दो राक्षस सब बर्बाद कर देते. उनकी मनमानी को रोकने के लिए विश्वामित्र राम और लक्ष्मण (Lakshmana) को साथ ले गए. जहां लक्ष्मण जी ने अपने आग्नेय शास्त्र से सुबाहु का वध कर दिया. रावण सुबाहु का भांजा था. मारीच और सुबाहु दोनों भाई थे. 

रावण का ताड़का से संबंध 
ताड़का (Tadka) एक सुंदर अप्सरा थी, किंतु एक शाप के कारण वह राक्षसी ताड़का बन गई. उसने एक राक्षस से शादी भी की जिससे उसे दो पुत्रों की प्राप्ति भी हुई. जिनका नाम मारीच और सुबाहु था. ऋषि अगस्त्य के शाप के कारण त्रेतायुग में श्रीराम ने जब ताड़का का वध किया तब जाकर उसका उद्धार हुआ. ताड़का रावण की नानी थी. सुबाहु और मारीच ताड़का के पुत्र थे. 

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