फूड पॉइजनिंग होने पर क्या करें, जानें कितनी देर बाद खराब हो जाता है खाना

फूड पॉइजनिंग एक तरह का इंफेक्शन होता है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से फैल सकता है. जब बैक्टीरिया या फंगस से संक्रमित किसी फूड को कोई खाता है तो ये बैक्टीरिया पेट में गुड बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं. जिससे पाचन क्रिया बिगड़ जाती है. ज्यादातर गंदे पानी, एक्सपायरी पैक्ड फूड, ज्यादा देर से बने खाना को खाने से हो सकता है. आइए जानते हैं फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) से जुड़ी हर जानकारी...

फूड पॉइजनिंग एक तरह का इंफेक्शन होता है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से फैल सकता है. जब बैक्टीरिया या फंगस से संक्रमित किसी फूड को कोई खाता है तो ये बैक्टीरिया पेट में गुड बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं. जिससे पाचन क्रिया बिगड़ जाती है. ज्यादातर गंदे पानी, एक्सपायरी पैक्ड फूड, ज्यादा देर से बने खाना को खाने से हो सकता है. आइए जानते हैं फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) से जुड़ी हर जानकारी…

जानकारी के मुताबिक 32 से 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान होने पर बैक्टीरिया और फंगस को पैदा होने लगते हैं. कई अध्ययन में पाया गया है कि 37 डिग्री से ज्यादा तापमान बैक्टीरिया या फंगस के लिए काफी अनुकूल होता है.

जानकारी के मुताबिक 32 से 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान होने पर बैक्टीरिया और फंगस को पैदा होने लगते हैं. कई अध्ययन में पाया गया है कि 37 डिग्री से ज्यादा तापमान बैक्टीरिया या फंगस के लिए काफी अनुकूल होता है.

इसी वजह से ज्यादा गर्मी और बारिश के मौसम में खाना जल्दी-जल्दी खराब होने की संभावना रहती है. इसलिए ताजा खाना ही खाने की सलाह दी जाती है.

इसी वजह से ज्यादा गर्मी और बारिश के मौसम में खाना जल्दी-जल्दी खराब होने की संभावना रहती है. इसलिए ताजा खाना ही खाने की सलाह दी जाती है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक,अगर कुछ भी खाने के बाद पेट में तेज दर्द, हर आधे घंटे में उल्टी-दस्त, खाना न पचना, सिर में दर्द, ज्यादा थकान और कमजोरी, बुखार जैसा कुछ भी लगे तो यह फूड पॉइजनिंग के लक्षण हो सकते हैं. वैसे तो यह किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक,अगर कुछ भी खाने के बाद पेट में तेज दर्द, हर आधे घंटे में उल्टी-दस्त, खाना न पचना, सिर में दर्द, ज्यादा थकान और कमजोरी, बुखार जैसा कुछ भी लगे तो यह फूड पॉइजनिंग के लक्षण हो सकते हैं. वैसे तो यह किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है.

अगर कुछ भी खराब खाने से उल्टी-दस्त के साथ बुखार, दस्त में खून आना, बार-बार उल्टी और सिर्फ पानी ही निकले, मुंह सूख रहा हो, शरीर में रेशेज निकल रहे हैं, इस तरह की समस्याएं तीन दिन से ज्यादा रहें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

अगर कुछ भी खराब खाने से उल्टी-दस्त के साथ बुखार, दस्त में खून आना, बार-बार उल्टी और सिर्फ पानी ही निकले, मुंह सूख रहा हो, शरीर में रेशेज निकल रहे हैं, इस तरह की समस्याएं तीन दिन से ज्यादा रहें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

फूड पॉइजनिंग से बचना है तो इन बातों का रखें ख्याल खाने की जगह और बर्तन रखने की जगह साफ रखें. मसालों और अनाज में फंगस होने का सबसे ज्यादा रिस्क रहता है. नमकीन, बिस्किट को हमेशा डिब्बे में रही रखें. पैक्ड फूड की एक्सपायरी देखकर ही यूज करें.

फूड पॉइजनिंग से बचना है तो इन बातों का रखें ख्याल खाने की जगह और बर्तन रखने की जगह साफ रखें. मसालों और अनाज में फंगस होने का सबसे ज्यादा रिस्क रहता है. नमकीन, बिस्किट को हमेशा डिब्बे में रही रखें. पैक्ड फूड की एक्सपायरी देखकर ही यूज करें.

Published at : 05 Aug 2024 06:15 PM (IST)

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