testosterone therapy potential benefits and risks as you age read full article in hindi

महिलाओं की तरह पुरुषों में भी बढ़ती उम्र के साथ कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. पुरुषों में भी कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. सबसे बड़ा चेंज होता है पुरुषों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ में होने वाले बदलाव जिसे टेस्टोसटिरोन के नाम से जाना जाता है. टेस्टोस्टेरोन एक जरूरी एंड्रोजेन हार्मोन है. जो स्पर्म बनने में अहम रोल निभाता है. 

पुरुषों की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है.  टेस्टोस्टेरोन कम होने लगती है. लेकिन हाल ही में अब इससे जुड़ी थेरेपी आ गई जिससे टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ सकता है. टेस्टोस्टेरोन थेरेपी उम्र बढ़ने से रोकने का सबसे बढ़िया उपाय लग सकता है. फिर भी टेस्टोस्टेरोन में उम्र से संबंधित गिरावट के लिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से स्वास्थ्य को होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में हम विस्तार से बात करेंगे. 
टेस्टोस्टेरोन क्या है?

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का असर

हड्डी में कमजोरी होने लगती है

फैट में कमी

बाल झड़ने लगते

स्पर्म काउंट कम होने लगते हैं

उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन के स्तर में क्या बदलाव होता है? 

टेस्टोस्टेरोन का स्तर आम तौर पर किशोरावस्था और वयस्कता के शुरुआती दौर में चरम पर होता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है. आपका टेस्टोस्टेरोन का स्तर धीरे-धीरे कम होता जाता है. आमतौर पर 30 या 40 की उम्र के बाद हर साल लगभग 1% वृद्ध पुरुषों के लिए, यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण है कि कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य उम्र बढ़ने के कारण है या यह किसी बीमारी (हाइपोगोनाडिज्म) के कारण है. हाइपोगोनाडिज्म अंडकोष या अंडकोष को नियंत्रित करने वाली पिट्यूटरी ग्लैंड में किसी समस्या के कारण टेस्टोस्टेरोन की सामान्य मात्रा का उत्पादन करने की क्षमता को बाधित करता है. इंजेक्शन, पेलेट, पैच या जैल के रूप में टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी इन पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन के संकेतों और लक्षणों में सुधार कर सकती है.

टेस्टोस्टेरोन थेरेपी हाइपोगोनेडिज्म के प्रभावों को उलटने में मदद कर सकती है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि टेस्टोस्टेरोन थेरेपी 55 साल के पुरुषों पर फायदा करेगा कि नहीं.हालांकि कुछ पुरुषों का मानना ​​है कि अगर वे टेस्टोस्टेरोन दवाएं लेते हैं तो वे युवा और अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं. 

आइए जानें टेस्टोस्टेरोन कम होने के लक्षण

हॉट फ्लैश

इरेक्टाइल डिसफंक्शन

स्पर्म काउंट कम होना

इनफर्टिलिटी

बॉडी फैट बढ़ना

डिप्रेशन

मांसपेशियां कमजोर होना

टेस्टिकल्स का सिकुड़ना

प्युबिक हेयर कम होना

ब्रेस्ट साइज बढ़ना

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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