स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सेबी ने भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट में विजय माल्या के लेन-देन करने पर तीन साल के लिए पाबंदी लगा दी है। सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि विजय माल्या पर सिक्योरिटीज मार्केट को एक्सेस करने पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। साथ ही, उन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज के खरीदने, बेचने या किसी भी प्रकार की डीलिंग करने या सिक्योरिटीज मार्केट के साथ किसी भी प्रकार से जुड़ने पर अगले तीन साल तक के लिए रोक लगाई गई है।
सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 26 जुलाई 2024 को जारी अपने आदेश में कहा, ‘विजय माल्या आदेश के जारी होने की तारीख से लेकर अगले तीन साल तक किसी भी हैसियत में लिस्टेड कंपनी या किसी भी प्रस्तावित लिस्टेड कंपनी के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर पर नहीं जुड़े रहेंगे। इस अवधि के दौरान विजय माल्या की किसी भी सिक्योरिटीज की होल्डिंग फ्रीज रहेगी। इसमें म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स भी शामिल हैं। विजय माल्या को लेकर सेबी का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है।
मार्केट रेगुलेटर इस बात की जांच कर रहा था कि वह अपने शेयरों की ट्रेडिंग में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं या नहीं। सेबी की चीफ जनरल मैनेजर अनीता अनूप ने लिखा, ‘ इस सिलसिले में उपलब्ध तथ्यों और सामग्री पर गौर करने के बाद मैंने पाया कि नोटिस पाने वाला शख्स (माल्या) ने न सिर्फ FII नियमों का उल्लंघन किया है, बल्कि भारत में मौजूद अपने ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में गलत तरीके से सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री की। यह निवेशकों के हितों के खिलाफ था और इसका मकसद बाजार के खिलाड़ियों को धोखा देना था।’
रेगुलेटर की जांच में पता चला कि माल्या ने हर्बर्टसन और युनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) के शेयरों की ट्रेडिंग के लिए माल्या ने एक तरकीब निकाली थी। इसके तहत UBS बैंक में अलग-अलग नामों (बेसाइड, सनकोस्ट, बर्चवुड) से कई खाते खोले गए और वास्तव में इसके लाभार्थी विजय माल्या थे।
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