Union Budget 2024 presented nirmala sitharaman on 23 july as per shastrarth women handle the finance department in mahabharat

Union Budget 2024: आज मंगलवार, 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण वित्त बजट साझा करेंगी.

सभी को आशा है कि इस बजट से देश का लाभ हो और जनसामान्य को कर (Tax) में राहत मिले.

निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) देश की पहली वित्त मंत्री हैं. भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि एक महिला ने देश का वित्त विभाग संभाला है.

महाभारत (Mahabharat) काल में भी सम्राट युधिष्ठिर का वित्त विभाग द्रौपदी (Draupadi) ने ही संभाला था.

चलिए प्रमाण देखते है महाभारत ग्रंथ से और दूंढते है की क्या ऐसा सचमुच हुआ था जब पूरा वित्त विभाग एक महिला ने संभाला था?

महाभारत वन पर्व 233.53–56 के अनुसार द्रौपदी खुद यह बात कृष्ण की पत्नी सत्यभामा से कहती हैं-

“सर्वे राक्षः समुद्यमायं च व्ययमेव च । एकाहं वेनि कल्याणि पाण्डवानां यशस्विनि ॥ 53

अर्थ – कल्याणी एवं यशस्विनी सत्यभामे! महाराज और अन्य पांडवों को जो कुछ आय, व्यय और बचत होती थी, उस सबका हिसाब मैं अकेली ही रखती और जानती थी.

मयि सर्व समासज्य कुटुम्बं भरतर्षभाः। उपासनरताः सर्वे घटयन्ति वरानने ॥ 54 ॥

अर्थ- भरतश्रेष्ठ पांडव कुटुम्ब का सारा भार मुझपर ही रखकर उपासना में लगे रहते और तदनुरूप चेष्टा करते थे.

तमहं भारमासक्तमनाधृष्यं दुरात्मभिः । सुखं सर्व परित्यज्य राज्यहानि राज्यहानि घटामि वै।

अर्थ- मुझपर जो भार रखा गया था, उसे दुष्ट स्वभाव के स्त्री-पुरुष नहीं उठा सकते थे. लेकिन मैं सब प्रकार का सुख-भोग छोड़कर रात-दिन उस दुर्वह भार को वहन करने की चेष्टा किया करती थी.

अधृष्यं वरुणस्येव निधिपूर्णमिवोदधिम् । एकाहं वेद्मि कोशं वै पतीनां धर्मचारिणाम् ॥56॥

अर्थ- मेरे धर्मात्मा पतियों का भरा-पूरा खजाना वरुण के भंडार और परिपूर्ण महासागर के समान अक्षय एवं अगम्य था. केवल मैं ही उसके विषय की ठीक जानकारी रखती थी.

क्यों जरूरी है महिला के हाथ में वित्त विभाग

आज भी भारत के लगभग प्रत्येक घर में स्त्री ही वित्त संभालने का जिम्मा लेती हैं, स्त्री के हाथ में घर का वित्त देना बहुत लाभकारी होता है, क्योंकि वह प्रत्येक वस्तु तोल मोल कर खरीदती है, जिससे बचत होती है.

विष्णु पुराण 1.8.35 भी यही सिखाता है कि प्रत्येक नारी माता लक्ष्मी जी (Lakshmi ji) का ही स्वरुप है और महाभारत शांति पर्व 226.12 अनुसार, लक्ष्मीजी सत्य, दान, व्रत, तपस्या, पराक्रम और धर्म में निवास करती हैं.

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