Sawan 2024: हजारों सालों से विज्ञान ‘शिव’ (Shiva) के अस्तित्व को समझने का प्रयास कर रहा है. जब भौतिकता का मोह खत्म हो जाए और ऐसी स्थिति आए कि ज्ञानेंद्रियां भी नाकाम हो जाएं, उस स्थिति में शून्य आकार लेता है, और जब शून्य भी अस्तित्वहीन हो जाए तो वहां शिव (Lord Shiv) का प्राकट्य होता है.
शिव यानी शून्य से परे. जब कोई व्यक्ति भौतिक जीवन को त्याग कर सच्चे मन से मनन करे तो शिव की प्राप्ति होती है. उन्हीं एकाकार और अलौकिक शिव देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन का है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास बताते हैं कि हिंदू धर्म (Hindu Dharam) में सावन मास (Sawan Month) का विशेष महत्व है. सावन में भगवान शिव (Lord Shiv) की अराधना की जाती है. सावन के सभी सोमवार (Sawan Somwar) का अपना महत्व होता है.
हिंदू पंचांग (Hinidu Panchang) के अनुसार पांचवा महीना सावन (Sawan) कहलाता है. इस दौरान कुल 5 सोमवार पड़ेंगे. मान्यता है कि सावन मास में भोलेनाथ की अराधना करने से सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. कुंवारी कन्याएं इस दौरान सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए सावन में पूजा-अर्चना करती हैं.
सावन का महीना (Shravan Month) और चारों और हरियाली. भारतीय वातावरण में इससे अच्छा कोई और मौसम नहीं बताया गया है. जुलाई (July) में आने वाले इस मौसम में, ना बहुत अधिक गर्मी होती है और ना ही बहुत ज्यादा सर्दी.
वातावरण (weather) को अगर एक बार को भूला भी दिया जाए, किन्तु अपने आध्यात्मिक पहलू के कारण सावन के महीने का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व बताया गया है. सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित रहता है.
इस माह में विधि पूर्वक शिवजी की आराधना करने से, मनुष्य को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं. इस माह में भगवान शिव के ‘रुद्राभिषेक’ (Rudrabhishek) का विशेष महत्त्व है.
इसलिए इस माह में खासतौर पर सोमवार के दिन ‘रुद्राभिषेक’ करने से शिव भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है. अभिषेक कराने के बाद बेलपत्र (Belpatra), शमीपत्र, कुशा तथा दूब आदि से शिवजी को प्रसन्न करते हैं और अंत में भांग, धतूरा तथा श्रीफल भोलेनाथ को भोग के रूप में समर्पित किया जाता है.
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