
Bharat Petroleum Share Price: वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) को फिर से खरीदारी की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि मौजूदा लेवल से यह 19% से अधिक ऊपर चढ़ सकता है। जेफरीज का कहना है कि इसे कच्चे तेल की स्थिर कीमतों, मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन, कमाई में सुधार के स्पष्ट रुझान और बेहतर वैल्यूएशन से सपोर्ट मिल रहा है। इसके शेयरों के मौजूदा भाव की बात करें तो इस हफ्ते के कारोबारी कारोबारी दिन शुक्रवार 12 दिसंबर को बीएसई पर यह 3.78% की बढ़त के साथ ₹364.80 पर बंद हुआ था। एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो 3 मार्च 2025 को यह एक साल के निचले स्तर ₹234.15 पर था जिससे 8 महीने में यह 62.97% उछलकर ₹381.60 पर पहुंच गया।
Bharat Petroleum पर Jefferies क्यों है फिदा?
जेफरीज का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं जिससे भारत पेट्रोलियम की कमाई का आउटलुक मजबूत बना हुआ है। इसे कच्चे तेल के प्रति बैरल $70 के नीचे बने रहने और मार्केट में ओवरसप्लाई से सपोर्ट मिला हुआ है। जेफरीज की रिपोर्ट में जिक्र है कि कच्चे तेल की वैश्विक सप्लाई मांग की तुलना में अधिक स्पीड से बढ़ रही है। तेल निकालने वाले देशों के ग्रुप ओपेक+ ने इस साल 2025 में अधिकतर समय उत्पादन बढ़ाया है तो दूसरी तरफ इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने मांग की सुस्त चाल से बढ़ने का अनुमान लगाया है। इसने ऑपरेटिंग लेवल पर कंपनी के रिफाइनिंग को सपोर्ट किया है और इस वित्त वर्ष 2026 में अब तक रिफाइनिंग मार्जिन सालाना आधार पर 51% बढ़ गया जोकि सामान्य से काफी अधिक है। ये मार्जिन यानी सिंगापुर ग्रास रिफाइनिंग मार्जिन इसलिए अहम है क्योंकि इनकी कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में करीब आधे की हिस्सेदारी है।
जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में भारत पेट्रोलियम के मार्केटिंग मार्जिन की असाधारण मजबूती का भी जिक्र किया है। मार्केटिंग मार्जिन तेल के बिक्री भाव और कच्चे तेल की लागत के बीच का फर्क है। यह मार्जिन तेल बेचने वाली कंपनियों के कमाई में अहम होती हैं, खास तौर से पेट्रोल और डीजल के मामले में। रिपोर्ट के मुताबिक इस वित्त वर्ष 2026 में अब तक डीजल पर मार्केटिंग मार्जिन प्रति लीटर ₹5.7 और पेट्रोल पर ₹9.6 है जोकि सामान्य लेवल से अधिक है। एक और खास बात ये है कि पियर्स के मुकाबले जेफरीज का मानना है कि भारत पेट्रोलियम पर कच्चे तेल की कीमत में उठा-पटक का अधिक असर नहीं पड़ेगा और अगर कच्चा तेल ऊपर जाता है तो इसकी कमाई पर बाकी तेल बेचने वाली कंपनियों की तुलना पर कम असर पड़ेगा।
सरकार के एलपीजी में हुछ पिछले घाटों की भरपाई के फैसले से भारत पेट्रोलियम को बड़ी राहत मिली है। कंपनी को यह घाटा खुदरा प्राइस को इंटरनेशनल प्राइस से कम रखने के चलते पिछली कई तिमाहियों में हुए थे और इकट्ठे होकर घाटा बड़ा हो गया। जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2025 तक कंपनी का एलपीजी पर कुल घाटा ₹13.7 हजार करोड़ का रहा। इसे कवर करने के लिए सरकार ने ₹30 हजार करोड़ के मुआवजे की योजना का ऐलान किया है जिसे 12 महीने में चुकाया जाएगा। जेफरीज ने जिक्र किया है कि इसमें कंपनी का हिस्सा काफी बड़ा है। इसका ₹7600 करोड़ यानी करीब 25% हिस्सा है यानी इस वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही और वित्त वर्ष 2027 में भारत पेट्रोलियम की कमाई को तगड़ा सपोर्ट मिलेगा।
जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि भारत पेट्रोलियम का शेयर एक महीने में करीब 6% फिसला है। फिलहाल यह 1.5x फारवर्ड प्राइस-टू-बुक वैल्यू पर है जोकि लॉन्ग-टाइम एवरेज 1.8x से नीचे है। इसका मतलब हुआ है कि फिलहाल यह शेयर आकर्षक लेवल पर है। इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म ने इसे फिर से खरीदारी की रेटिंग दी है और 1.6x दिसंबर 2026 फारवर्ड प्राइस-टू-बुक के हिसाब से टारगेट प्राइस ₹435 फिक्स किया है।
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