कनाडा के ब्रैम्टन शूटिंग मामले में पुलिस ने 3 भारतीय मूल के लोगों को किया गिरफ्तार, सामने आई चौंकाने वाली जानकारी

कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक पार्किंग लॉट में हुई फायरिंग के मामले में भारतीय मूल के तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है. यह घटना टो-ट्रक से जुड़े एक विवाद के बाद हुई थी. पील रीजनल पुलिस के अनुसार, यह वारदात 7 अक्टूबर की देर रात हुई, जिसमें दो अलग-अलग समूह शामिल थे. फायरिंग की इस घटना में एक व्यक्ति को मामूली चोटें आई थीं.

पार्किंग लॉट में हुआ था विवाद
पुलिस ने बताया कि 7 अक्टूबर की रात करीब 10:45 बजे उन्हें मैकवीन ड्राइव और कैसलमोर रोड के चौराहे के पास स्थित एक पार्किंग लॉट में झगड़े की सूचना मिली थी. यह झगड़ा धीरे-धीरे बढ़ गया और अंत में फायरिंग में बदल गया. पुलिस के मुताबिक, पार्किंग लॉट में मौजूद दो अलग-अलग समूहों के बीच पहले बहस हुई और फिर दोनों पक्षों के बीच हिंसा भड़क उठी. इस दौरान हथियारों से गोलियां चलाई गईं. पुलिस ने कहा कि इस घटना में एक व्यक्ति को मामूली शारीरिक चोटें आईं.

लंबी जांच के बाद संदिग्धों की पहचान
घटना के बाद पुलिस ने एक लंबी जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस ने उस समूह से जुड़े तीन लोगों की पहचान की, जो इस झगड़े में शामिल थे. 20 नवंबर को पुलिस ने कैलेडन में एक घर पर तलाशी वारंट के तहत छापा मारा. इसी दौरान तीनों संदिग्धों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान- मंजोत भट्टी (26 वर्ष), नवजोत भट्टी (27 वर्ष), अमनजोत भट्टी (22 वर्ष) के रूप में हुई है. तीनों आरोपी कैलेडन के निवासी हैं.

मनजोत भट्टी पर कई गंभीर आरोप

  • मंजोत भट्टी पर हथियारों से जुड़े कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • जानबूझकर लापरवाही से फायरिंग करना
  • भरी हुई प्रतिबंधित या नियंत्रित हथियार रखने का आरोप
  • हथियार को लापरवाही से स्टोर करना
  • छिपा हुआ हथियार लेकर चलना
  • अवैध रूप से हथियार रखने की जानकारी होना

उसे ब्रैम्पटन स्थित ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में जमानत सुनवाई तक हिरासत में रखा गया था, जिसके बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया.

अन्य दो आरोपियों पर भी केस
नवजोत भट्टी और अमनजोत भट्टी पर भी यह आरोप लगाया गया है कि वे ऐसे वाहन में सवार थे, जिसमें हथियार मौजूद था, जबकि उन्हें मालूम था कि गाड़ी में हथियार है. पुलिस के अनुसार, नवजोत और अमनजोत भट्टी को एक अंडरटेकिंग (लिखित शर्तों) के तहत रिहा कर दिया गया है. दोनों को भविष्य में ब्रैम्पटन स्थित ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होना होगा.

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