Kathavachak Aniruddhacharya Love Life: प्रसिद्ध कथावाचकों की सूची में अनिरुद्धाचार्य बेहद चर्चित नाम है. अपने मजाकिया अंदाज और हाजिर जवाबी को लेकर उनकी मीम आए दिन सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होते हैं. अनिरुद्धाचार्य महाराज कथावाचक होने के साथ एक स्पिरिचुअल लीडर भी हैं. यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर उनके 17 मिलियन से ज्यादा प्रशंसक हैं, जो उन्हें काफी मानते हैं.
एक मार्गदर्शक आध्यात्मिक गुरु के तौर पर उनकी प्रसिद्धि के पीछे एक पत्नी और 2 बेटों का प्यार और समर्थन है. इस लेख के माध्यम से हम आपको कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के जीवन से जुड़े अनसुने पहलू के बारे में बताएंगे और उनके पारिवारिक जीवन के उन खुशनुमा पलों को समाने लाएंगे. आइए जानते हैं.
पिता को मानते हैं अपना मार्गदर्शक
अनिरुद्धाचार्य, उर्फ पूकी बाबा का जन्म मध्य प्रदेश में 27 सितंबर 1989 में हुआ था. अपनी कथाओं के माध्यम से महाराज जी बताते हैं कि, उनके पिता बचपन से ही उनके लिए एक मार्गदर्शक थे. मंदिर के पुजारी और धार्मिक व्यक्ति होने के नाते उनके पिता जिनका नाम राम नरेश तिवारी, जिन्होंने बचपन से ही अनिरुद्धाचार्य को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया.
इसके अलावा स्वामी जी की माता जिनका नाम मां छाया बाई ने भी चरित्र निर्माण और जीवन जीने का रहन-सहन सिखाया.
वृंदावन आने के बाद आध्यात्मिक यात्रा को मिली गति
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अनिरुद्धाचार्य बचपन से ही आध्यात्मिक ज्ञान में रुचि रखते थे. उनको जानने वाले लोग बताते हैं कि, महाराज जी जब किशोर (teenage) थे, तब वह घंटों-घंटों मध्य प्रदेश के राधा-कृष्ण मंदिर में गहरी भक्ति और आस्था में डूबे रहते थे. लेकिन उनकी इस आध्यात्मिक यात्रा को असली गति तब मिली जब वह मध्य प्रदेश से वृंदावन चले गए.
वृंदावन आने के बाद उन्होंने धर्म-कर्म से जुड़े विषयों की पढ़ाई की, घंटों मेडिटेशन और चिंतन में डूबे रहते थे, जिसकी बदौलत पूकी महाराज आज बड़ों से लेकर बच्चों तक सबकी पसंद हैं.
प्यारी पत्नी और 2 बेटों का खुबसूरत परिवार
बात की जाए उनकी निजी लाइफ के बारे में तो, जो लोग उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं, उन्होंने महाराज जी की प्यारी पत्नी और बच्चों के साथ की तस्वीर जरूर देखी होगी. बता दें कि, अनिरुद्धाचार्य की पत्नी का नाम आरती तिवारी है, जो एक गृहणी हैं और उनके साथ रहती हैं.
अनिरुद्धाचार्य अपनी कई कथाओं में विवाह के महत्व के बारे में याद दिलाते हैं. अपनी धार्मिक कहानियों के जरिए वह लोगों को बताते हैं कि, जीवन में किसी भी तरक्की और बड़ी सफलता में पत्नी का साथ और प्यार जरूरी होता है.
महाराज जी बताते हैं कि, सही पार्टनर के साथ शादी करने से जीवन में हर पल खुशनुमा और सुकून भरा होता है, जो किसी भी इंसान की पूरी जिंदगी बदल सकता है.
शादी के बाद पत्नी को पढ़ाने पर दिया जोर
अपनी एक कथा के दौरान, महाराज जी ने अपनी पत्नी के संग मजबूत रिश्तों का सीक्रेट बताया. उन्होंने कहा कि, पढ़ाई की अहमियत समझते हुए मैंने अपनी पत्नी को शादी के बाद कॉलेज में दाखिला लेने के लिए जोर दिया. उन्होंने कहा पढ़ाई के माध्यम से जेंडर इक्वालिटी हासिल की जा सकती है. इस तरह उन्होंने अपनी पत्नी की पढ़ाई पूरी करवाने के लिए हायर स्टडीज का सारा खर्च अकेले उठाया.
उनके इस सपोर्ट और प्यार के बल पर शादी के 13 साल बाद भी वह अपनी पढ़ाई जारी रखें हुए है. हालांकि कई जानकार तो ये भी बताते हैं कि, महाराज जी की पत्नी के पास साइकोलॉजी में Phd की उपाधि है.
अपनी शादी से जुड़े एक खूबसूरत पल के बारे में महाराज जी ने तब बताया जब उनकी पत्नी पढ़ाई की तैयारी कर रही थी. उन्होंने अपनी कथा में बताया कि, उन दिनों जब वह अपनी एग्जाम की तैयारी में काफी व्यस्त रहती थी, तो वह घर और बच्चों की पूरी जिम्मेदारी उठाते थे.
आध्यात्मिक जगत में एक बड़ा नाम कमा चुके अनिरुद्धाचार्य की जिंदगी का ये किस्सा हमेशा उनके वैवाहिक जीवन के बेहतर संबंधों को उजागर करता है.
महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी के मामले में केस दर्ज
हालांकि बीते कुछ समय पहले बेटियों पर दिए गए अपने एक स्टेटमेंट के बाद से ही सोशल मीडिया पर उनका विरोध किया जा रहा है. बीते दिन उनके खिलाफ आधिकारिक रूप से परिवाद भी दर्ज किया गया है. 1 जनवरी 2026 को अभद्र टिप्पणी के मामले में उन्हें कोर्ट के सामने पेश होना है.
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