कल कैबिनेट की बैठक में इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल को मंजूरी संभव, 100% FDI और कंपोजिट लाइसेंस को मिल सकती है हरी झंडी – the insurance amendment bill is likely to be approved at tomorrows cabinet meeting with proposals for 100 percent fdi and composite licenses also expected to be passed

सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कल कैबिनेट की बैठक में इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल को मंजूरी मिल सकती है। इसमें FDI की सीमा से लेकर कंपोजिट लाइसेंस तक बड़े बदलाव हो सकते हैं। इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने बताया कि इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल (Insurance Amendment Bill) पर सरकार एक्शन में है। कल कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिल सकती है। इंश्योरेंस सेक्टर में FDI की सीमा 74 फीसदी से बढ़कर 100 फीसदी हो सकती है।

नए बिल में इंश्योरेंस सेक्टर की पेडअप कैपिटल की सीमा घटाई जाएगी। इसके साथ ही कंपोजिट लाइसेंस की सुविधा शुरू की जाएगी। LIC एक्ट और IRDA में भी बदलाव होगा। सरकार की तरफ से इसी सत्र में बिल पास करने की कोशिश होगी। बता दें कि कंपोजिट लाइसेंस किसी बीमा कंपनी को एक ही इकाई के अंतर्गत लाइफ, हेल्थ और गैर-जीवन बीमा जैसे कई व्यवसायों का संचालन करने की अनुमति देता है। भारत में अभी इसकी अनुमति नहीं है। वर्तमान में, बीमा कंपनियों को इनमें हर कारोबार के लिये अलग-अलग लाइसेंस लेने की जरूरत होती है।

कंपोजिट लाइसेंस बीमा कंपनियों को एक ही इकाई के तहत कई लाइनों को मैनेज करने की सुविधा देता है। इससे कंपनियों की कर लागत और मंजूरियों से संबंधित दिक्कतें में कम होती है। इससे इनोवेसन और कार्य क्षमता को बढ़ावा मिलता है। इससे इंटीग्रेटेड आईटी सिस्टम के जरिए जीवन बीमा कंपनियां क्षतिपूर्ति-आधारित स्वास्थ्य बीमा की पेशकश कर सकती हैं,जिससे अंडरराइटिंग में सुधार और खर्चों में कटौती होगी। एक ही एजेंट जीवन और गैर-जीवन दोनों प्रकार के उत्पाद बेच सकेंगे। इससे ग्राहकों की वित्तीय आवश्यकताएं बेहतर ढंग से पूरी हो सकेंगी।

इंश्योरेंस सेक्टर में FDI की सीमा 100 फीसदी होने से देश में इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की पहुंच बढ़ेगी। विदेशी इंश्योरेंस कंपनियां इंडियन मार्केट में दिलचस्पी दिखाएंगी। अभी दुनिया के विकसित देशों के मुकाबले इंडिया में आबादी के काफी कम हिस्से की पहुंच इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स तक है। विदेशी इंश्योरेंस कंपनियों के इंडिया आने से मार्केट में प्रतियोगिता बढ़ेगी, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा।

Read More at hindi.moneycontrol.com