
ऐसा होना कई वजहों से संभव है, जैसे अचानक ब्लड प्रेशर गिर जाना, माइग्रेन की ऑरा, रेटिना से जुड़ी दिक्कतें, ग्लूकोमा या फिर शरीर का अचानक शॉक में जाना. वजह चाहे छोटी हो या बड़ी, यह समझना जरूरी है कि आखिर आंखों के सामने अंधेरा क्यों आता है.

ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन एक आम कारण है. अचानक खड़े होने पर ब्लड प्रेशर गिर जाता है और ब्रेन तक ब्लड फ्लो कम होने से आंखों के आगे अंधेरा छा सकता है. इससे चक्कर, हल्कापन और कभी-कभी बेहोशी भी महसूस हो सकती है.

माइग्रेन की ऑरा भी ऐसी समस्या पैदा कर सकती है. माइग्रेन शुरू होने से पहले कई लोगों को लाइट के फ्लैश, टेढ़ी-मेढ़ी लकीरें या कुछ पल के लिए दिखना बंद होने जैसा महसूस होता है. यह माइग्रेन का शुरुआती संकेत होता है.

ट्रांजिएंट इस्कीमिक अटैक यानी मिनी-स्ट्रोक भी अचानक ब्लैकआउट का कारण बन सकता है. इसमें दिमाग को कुछ समय के लिए ब्लड मिलना रुक जाता है. इसके साथ कमजोरी, सुन्नपन या बोलने में परेशानी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर की जरूरत होती है.

रेटिनल डिटैचमेंट एक गंभीर स्थिति है. इसमें रेटिना अपनी जगह से हटने लगती है, जिससे अचानक फ्लोटर्स दिखना, चमक दिखाई देना या एक साइड पर परदा गिरने जैसा महसूस हो सकता है. समय पर इलाज न मिले तो स्थायी नुकसान भी हो सकता है.

अगर अंधेरा अचानक और बार-बार छाने लगे, दर्द के साथ हो, या इसके साथ कमजोरी और बोलने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखें, तो देर नहीं करनी चाहिए. कई स्थिति में तुरंत मेडिकल जांच होनी चाहिए, इसलिए समय रहते आंखों का इमरजेंसी चेक-अप कराना जरूरी है.
Published at : 07 Dec 2025 02:27 PM (IST)
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