दिसंबर के पहले हफ्ते में भी FPI सेलर, इन वजहों से शेयरों से निकाले ₹11820 करोड़ – fpi have pulled out rs 11820 crore from indian equities in the first week of december here are the reasons foreign portfolio investors

दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजारों से 11,820 करोड़ रुपये निकाले। इसका मुख्य कारण रुपये की वैल्यू में आई तेज गिरावट है। नवंबर में FPI ने भारतीय शेयरों से 3765 करोड़ रुपये निकाले थे। ताजा बिकवाली के बाद बाजार पर दबाव और बढ़ा है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर 2025 में 14,610 करोड़ रुपये की बाइंग की थी। उससे पहले सितंबर में 23,885 करोड़ रुपये, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये निकाले थे।

NSDL के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर के पहले हफ्ते में FPI ने भारतीय इक्विटी से 11,820 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। इससे 2025 में कुल सेलिंग 1.55 लाख करोड़ रुपये हो गई। एनालिस्ट्स के अनुसार, ताजा बिकवाली का मुख्य कारण मुद्रा संबंधी चिंताएं हैं।

एक्सपर्ट्स की राय

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जियोजित इनवेस्टमेंट्स में चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है कि इस साल रुपया करीब 5 प्रतिशत कमजोर हुआ है। इस वजह से FPI बिकवाली कर रहे हैं। एंजेल वन के सीनियर फंडामेंटल एनालिस्ट वकारजावेद खान का कहना है कि ग्लोबल इनवेस्टर साल के आखिर में पोर्टफोलियो की रीपोजिशनिंग करते हैं। यह छुट्टियों के सीजन से पहले दिसंबर का एक आम ट्रेंड है। इसने भी बिकवाली को तेज कर दिया है। खान ने कहा कि भारत-अमेरिका ट्रेड डील के फाइनल होने में देरी ने ग्लोबल सेंटिमेंट को और कमजोर किया है।

DII ने की खरीदारी

FPI की सेलिंग के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की मजबूत खरीदारी से बाजार को सहारा मिला। दिसंबर के पहले सप्ताह में DII ने 19,783 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। DII का भरोसा भारत के मजबूत GDP आंकड़ों और कंपनियों की कमाई में आगे सुधार होने की उम्मीदों से बढ़ा है। 5 दिसंबर को RBI ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी। इससे सेंटिमेंट को बूस्ट मिला।

खान के मुताबिक, “RBI ने न सिर्फ दरें कम कीं, बल्कि FY26 के लिए अपने ग्रोथ गाइडेंस को भी बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। साथ ही खुदरा महंगाई के पूर्वानुमान को घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया। मजबूत ग्रोथ का माहौल भारतीय इक्विटी के लिए अच्छा संकेत है।” इस बीच डेट मार्केट में FPI ने जनरल लिमिट के तहत 250 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसी अवधि के दौरान उन्होंने वॉलंटरी रिटेंशन रूट के जरिए 69 करोड़ रुपये निकाले।

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