दिल्ली सरकार द्वारा लाल किले पर आयोजित ऐतिहासिक ‘गुरमत समागम’ की बड़ी सफलता के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अब पूरे मंत्रिमंडल के साथ हरमंदिर साहिब जाकर ‘शुकराना’ अदा करेंगी. मुख्यमंत्री 8 दिसंबर को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब) पहुंचकर माथा टेकेंगी और गुरु तेग बहादुर साहिब के प्रति धन्यवाद व्यक्त करेंगी. सरकार का कहना है कि गुरमत समागम का इतना बड़ा और शांतिपूर्ण आयोजन गुरु साहिब की कृपा से ही संभव हो पाया.
गौरतलब है कि दिल्ली के लाल किले पर 23 से 25 नवंबर तक चले तीन दिवसीय ‘गुरमत समागम’ में करीब 6 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. यह दिल्ली के धार्मिक आयोजनों के इतिहास में एक बड़ा रेकॉर्ड माना जा रहा है. खास बात यह कि कुछ दिन पहले दिल्ली में हुई आतंकी घटना से माहौल डर का था, फिर भी लाखों लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा. मुख्यमंत्री ने इसे गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की शक्ति बताया, जो आज भी समाज को एकजुट रखने का संदेश देती है.
कृतज्ञता का प्रतीक, साझा संस्कृति को नमन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरमंदिर साहिब की यात्रा कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि गुरु परंपरा के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है. हरमंदिर साहिब सिख आस्था का मुख्य केंद्र है जहां देश-दुनिया से लोग शांति, साहस और सेवा की भावना लेकर लौटते हैं. दिल्ली सरकार का यह कदम सिख समुदाय के प्रति सम्मान और दिल्ली की साझा सांस्कृतिक विरासत को नमन के रूप में देखा जा रहा है.
DSGMC संग संयुक्त आयोजन; राष्ट्रपति, शाह ने भी किया नमन
गुरमत समागम दिल्ली सरकार और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का संयुक्त आयोजन था. इसमें देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई गणमान्य लोग भी लाल किला पहुंचे और गुरु साहिब को नमन किया.
कीर्तन, प्रदर्शनी और लाइट शो थे खास आकर्षण
इस आयोजन में मेगा कीर्तन दरबार, ऐतिहासिक शहीदी यात्रा संग्रहालय में विशेष प्रदर्शनी और लाइट-एंड-साउंड शो आकर्षण का केंद्र रहे. गुरुद्वारा शीशगंज साहिब से गुरु साहिब के पवित्र स्वरूप को पालकी में लाल किले तक लाया गया. जिसे देखने हजारों लोग जुटे.
प्रदर्शनी की अवधि 30 नवंबर तक बढ़ाई गई
श्रद्धालुओं की अधिक मांग पर दिल्ली सरकार ने संग्रहालय की प्रदर्शनी और लाइट-एंड-साउंड शो की अवधि बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दी ताकि ज्यादा लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को देख सकें.
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