‘नोबेल नहीं मिला तो…’, डोनाल्ड ट्रंप को मिला FIFA का शांति पुरस्कार तो दुनियाभर में छिड़ी बहस


फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय संस्था FIFA ने पहली बार अपने नए FIFA शांति पुरस्कार की घोषणा की. यह पुरस्कार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया गया है, जिसके बाद खेल जगत, विश्लेषकों और मानवाधिकार संगठनों ने FIFA पर नाराजगी जताई. इस घोषणा से ठीक पहले कैरिबियन क्षेत्र में अमेरिकी सेना की तरफ से किए गए एक हवाई हमले में कई लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जिसने इस फैसले को और अधिक विवादित बना दिया.

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुरस्कार समारोह में FIFA अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो ने ट्रंप की खुले मंच पर तारीफ करते हुए कहा कि वे दुनिया को सुरक्षित बनाने के प्रयासों के लिए सम्मानित किए जा रहे हैं. इन्फेंटिनो ने अब्राहम समझौते का ज़िक्र करते हुए ट्रंप की कूटनीतिक भूमिका की सराहना भी की. हालांकि, आलोचकों का आरोप है कि वही FIFA, जो खिलाड़ियों को राजनीतिक बयान देने से रोकता है, वह खुद राजनीतिक प्रशंसा में शामिल हो रहा है. इससे संगठन की तटस्थ छवि पर गंभीर सवाल उठे हैं. 

सोशल मीडिया पर बनाए जा रहे मीम

कई प्रतिष्ठित मानवाधिकार संगठनों ने FIFA के इस कदम को निराशाजनक बताया. संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अधिकारी क्रेग मोखिबर ने इसे FIFA की विश्वसनीयता पर सीधा प्रहार कहा. इसके अलावा सोशल मीडिया पर यह खबर फैलते ही यह चर्चा का नहीं, बल्कि व्यंग्य का विषय बन गई. फुटबॉल पत्रकार ज़ैक लोवी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ट्रंप को शांति पुरस्कार देना ऐसा है जैसे सुआरेज़ को निष्पक्ष खेल का सम्मान दे दिया जाए. अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी ने इसे राजनीतिक मज़ाक बताते हुए कहा कि नोबेल पुरस्कार नहीं मिला तो FIFA को अपना बना लिया.

ट्रंप की विदेश नीति: दावों और वास्तविकताओं का टकराव

पुरस्कार ग्रहण करते समय ट्रंप ने कहा कि उनके कार्यकाल में आठ युद्ध समाप्त हुए और उनकी नीतियों से “लाखों लोगों की जान बची. हालांकि सवाल ये उठ रहे हैं कि ट्रंप के आदेश पर ही ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले हुए. गाजा संघर्ष के दौरान इजरायल को हथियार मुहैया करवाए. कैरिबियन क्षेत्र में बार–बार स्ट्राइक  की गई और वेनेजुएला में सैन्य दबाव बनाने की कोशिश की गई. इन सबने उनकी शांति स्थापित करने वाली छवि को कमज़ोर किया है.

क्या इससे FIFA की छवि पर पड़ेगा असर?

2026 का विश्व कप अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा में होना है, ऐसे में इन्फेंटिनो और ट्रंप के बीच बढ़ती निकटता को कई विशेषज्ञ खेल की निष्पक्षता के लिए खतरा मान रहे हैं. कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि FIFA जैसे बड़े संगठन का राजनीतिक पक्ष लेना खेल की स्वतंत्र और निष्पक्ष छवि को धूमिल करता है. क्रेग मोखिबर ने कहा था कि FIFA कीचड़ में खेल रहा है, लेकिन जब वह खून से भीगी ज़मीन पर खड़ा दिखाई दे तो यह और भी भयावह लगता है.

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