
इंटरग्लोब एविएशन अभी मुश्किल दौर से गुजर रही है। फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) के नियमों का एयरलाइन की सेवाओं पर असर पड़ा। कंपनी को बड़ी संख्या में अपनी फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी। कई फ्लाइट्स में काफी देरी हुई। अब भी कंपनी की हवाई सेवाएं सामान्य नहीं हो पाई हैं। इसका असर इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों पर पड़ा है। शेयर का प्राइस एक हफ्ते में करीब 9 फीसदी टूट चुका है। सवाल है कि क्या यह शेयरों में सस्ते भाव पर निवेश करने का सही मौका है?
दो महीनों में कंपनी के ओटीपी मेंं बड़ी गिरावट
InterGlobe Aviation 94 डोमेस्टिक और 45 इंटरनेशनल डेस्टिनेशंस के लिए रोजाना करीब 2200-2300 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है। करीब दो महीनों में प्रमुख एयरपोर्ट्स पर कंपनी की फ्लाइट्स के ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) में बड़ी गिरावट आई है। अक्तूबर में यह 84 फीसदी थी, जो गिरकर नवंबर में 67 फीसदी पर आया। दिसंबर की शुरुआत में फिसलकर यह 19.7 फीसदी पर आ गया।
मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली की फ्लाइट्स पर ज्यादा असर
नवंबर में कंपनी को 1,232 फ्लाइट कैंसिल करने पड़े। इनमें से 755 कैंसिलेशन का सीधा संबंध क्रू/FDTL से था। इस महीने कंपनी 550 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स कैंसिल कर चुकी है। इसका सबसे ज्यादा असर मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और दिल्ली जैसे एयरपोर्ट्स पर पड़ा है। इससे फ्लाइट्स के टिकट की कीमतों में उछाल आया है। कई रूट्स पर कीमतें 4-10 गुना तक पहुंच गई हैं।
डीजीसीए एफडीटीएल के नए नियमों का पड़ा असर
कंपनी की हवाई सेवाओं में आई रुकावट की सबसे बड़ी वजह डीजीसीए एफडीटीएल के नए नियम हैं। इसका मकसद सुरक्षा बढ़ाना पायलट्स की थकान में कमी लाना है। ये नियम चरणों में लागू होने वाले थे। अंतिम चरण 1 नवंबर से लागू हो गया। इसका असर हाई-फ्रीक्वेंसी, ओवरनाइट फ्लाइट मॉडल पर पड़ा है। एफडीटीएल के नए नियम में पायलट का वीकली रेस्ट बढ़ाकर 48 घंटा कर दिया गया है। नाइट लैंडिंग के लिए प्रति हफ्ता 2 की लिमिट तय की गई है।
8 दिसंबर से फ्लाइट्स की संख्या घटाएगी
इंडिगो मुश्किल से निपटने के लिए 8 दिसंबर से फ्लाइट्स की संख्या घटा रही है। हालांकि, फ्लाइट कैंसिलेशंस और देर के मामले अगले 2-3 दिन तक जारी रह सकते हैं। कंपनी ने 10 फरवरी, 2026 तक नाइट फ्लाइंग के घंटों में कमी के नियम से छूट मांगी है। कंपनी का कहना है कि तब तक उसका ऑपरेशन सामान्य हो जाने की उम्मीद है।
एक हफ्ते में करीब 9 फीसदी टूटा शेयर
इस हफ्ते कंपनी का शेयर करीब 9 फीसदी टूटा है। कंपनी का शेयर 1 दिसंबर को 5,772 रुपये पर बंद हुआ था। 5 दिसंबर को यह 5,367 रुपये पर बंद हुआ। अगले कुछ हफ्तों यानी शॉर्ट टर्म में कंपनी की सेवाओं में रुकावट जारी रह सकती है। इसकी वजह यह है कि कंपनी पर नए रेगुलेटरी नियमों का असर पड़ेगा और उसे मैनपावर की कमी का सामना करना पड़ेगा। लेकिन, लंबी अवधि में कंपनी के लिए आउटलुक पॉजिटिव लगता है। कंपनी का मैनेजमेंट रिस्पॉन्सिबल है और कंपनी नए नियमों के हिसाब से खुद को बदल सकती है।
आपको क्या करना चाहिए?
इंडिगो के शेयरों की वैल्यूएशन सही लगती है, क्योंकि अभी इसमें FY28 के अनुमानित EV/EBITDAR के 8.1 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। इनवेस्टर्स मौजूदा भाव पर इंडिगो के शेयरों में निवेश बढ़ सकते हैं। यह बात ध्यान में रखने की जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने, ऑयल की कीमतों में गिरावट और फेस्टिव/वेडिंग सीजन की स्ट्रॉन्ग डिमांड से कॉस्ट बढ़ने के बावजूद कंपनी को फायदा होगा।
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