Biocon Biologics को खुद में मिलाएगी Biocon, बनेगी 100% हिस्से की मालिक; QIP से जुटाएगी ₹4500 करोड़ – biocon will fully integrate biocon biologics with itself through a share swap transaction board approved raising rs 4500 crore via qip

बायोकॉन लिमिटेड अपनी बायोकॉन बायोलॉजिक्स को खुद में मिलाने जा रही है। इसके बाद बायोकॉन बायोलॉजिक्स, कंपनी के 100 प्रतिशत मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी बन जाएगी। इस कदम से बायोलॉजिक्स यूनिट की वैल्यूएशन 5.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो जाएगी। बायोकॉन लिमिटेड ने शेयर बाजारों को बताया है कि इस ट्रांजेक्शन के हिस्से के तौर पर कंपनी शेयर स्वैप करेगी। इससे वह माइलान इंक, सीरम इंस्टीट्यूट लाइफ साइंसेज, टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड II और एक्टिव पाइन LLP से बायोकॉन बायोलॉजिक्स लिमिटेड में उनकी बची हुई हिस्सेदारी हासिल करेगी।

प्रपोजल पर अभी शेयरहोल्डर्स, लेंडर्स, शेयर बाजार और डिपॉजिटरीज समेत अन्य रेगुलेटरी मंजूरियां लिया जाना बाकी है। शेयर स्वैप एक कॉरपोरेट वित्तीय सौदा है। इसमें एक कंपनी, टारगेट कंपनी के शेयरहोल्डर्स को उनके मौजूदा शेयरों के बदले अपने शेयर जारी करके दूसरी कंपनी को खरीदती है या उसे अपने में मर्ज करती है।

शेयर-स्वैप रेशियो

एक्सचेंज फाइलिंग में आगे कहा गया है कि शेयर-स्वैप रेशियो बायोकॉन बायोलॉजिक्स के हर 100 शेयरों के लिए बायोकॉन के 70.28 शेयर तय किया गया है। इसमें बायोकॉन के हर शेयर की कीमत 405.78 रुपये है। कंपनी ने बताया कि यह इंटीग्रेशन बायोकॉन को विभिन्न देशों में अपने जेनेरिक्स और बायोसिमिलर बिजनेस की मिली-जुली ताकत का इस्तेमाल करने में मदद करेगा। बायोकॉन बायोलॉजिक्स रेवेन्यू के हिसाब से टॉप 5 ग्लोबल बायोसिमिलर कंपनियों में से एक है। इंटीग्रेशन प्रोसेस 31 मार्च, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

यह इंटीग्रेशन, बिजनेस को एक साथ लाने में एक अहम कदम है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ग्लोबल कमर्शियल इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा उठाया जा सके, कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को आसान बनाया जा सके। साथ ही डायबिटीज, ऑन्कोलॉजी और इम्यूनोलॉजी में लीड करने के लिए बायोकॉन की ग्लोबल स्थिति को मजबूत किया जा सके।

बायोकॉन, माइलान इंक (वियाट्रिस) के पास बची हुई हिस्सेदारी को कुल 81.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर में हासिल करेगी। इसमें से 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर कैश में ​दिए जाएंगे और 41.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का पेमेंट शेयर स्वैप के जरिए किया जाएगा।

Biocon ने बनाई ट्रांजिशन और इंटीग्रेशन मैनेजमेंट कमेटी

बायोकॉन ने एक गवर्नेंस काउंसिल बनाई है, जिसकी अध्यक्षता किरण मजूमदार-शॉ करेंगी। साथ ही एक ट्रांजिशन और इंटीग्रेशन मैनेजमेंट कमेटी बनाई है, जिसका नेतृत्व बायोकॉन बायोलॉजिक्स के CEO और MD श्रीहास तांबे करेंगे। जरूरी मंजूरी मिलने के बाद वह कंबाइंड बिजनेस के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर का पद संभालेंगे। केदार उपाध्याय कंबाइंड बिजनेस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर का पद संभालेंगे। बायोकॉन लिमिटेड के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ मित्तल ग्रुप के अंदर एक लीडरशिप रोल में जाएंगे।

बायोकॉन की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ का कहना है, “बायोकॉन बायोलॉजिक्स का बायोकॉन लिमिटेड में इंटीग्रेशन हमारे विकास का अगला चैप्टर है। रणनीतिक रूप से बायोकॉन वैश्विक स्तर पर बायोसिमिलर और जेनेरिक दोनों तरह की दवाओं की पेशकश करने वाली कुछ कंपनियों में से एक होगी।”

QIP से जुटाएगी ₹4500 करोड़

कंपनी ने कहा है कि उसके बोर्ड ने शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के बाद क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 4,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी जुटाने को भी मंजूरी दे दी है। QIP से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल मुख्य रूप से वियाट्रिस को कैश पेमेंट करने के लिए किया जाएगा। बायोकॉन का मार्केट कैप 52500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। कंपनी में सितंबर 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 54.45 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

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