Annual Health Checkup: हर साल जरूर कराएं ये 5 टेस्ट, शरीर में घर बना चुकी हर बीमारी का बताते हैं पता

डॉक्टरों का कहना है कि सालाना हेल्थ चेकअप सिर्फ एक मेडिकल रूटीन नहीं, बल्कि खुद के प्रति जिम्मेदारी का संकेत है. रोजमर्रा की जिम्मेदारियों में महिलाएं अक्सर खुद को पीछे कर देती हैं, लेकिन एक सालाना टेस्ट कई गंभीर बीमारियों की दिशा बदल सकता है.

डॉक्टरों का कहना है कि सालाना हेल्थ चेकअप सिर्फ एक मेडिकल रूटीन नहीं, बल्कि खुद के प्रति जिम्मेदारी का संकेत है. रोजमर्रा की जिम्मेदारियों में महिलाएं अक्सर खुद को पीछे कर देती हैं, लेकिन एक सालाना टेस्ट कई गंभीर बीमारियों की दिशा बदल सकता है.

कई समस्याएं खासकर हार्मोनल और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी शुरुआत में बिल्कुल चुप रहती हैं. इसलिए लक्ष्य साफ है: जो दिक्कतें छिपी हैं उन्हें समय रहते पकड़ना, जो उभर रही हैं उन्हें रोकना और आने वाले जोखिमों से बचाव करना. एक्सपर्ट कहते हैं कि कुछ वार्षिक जांचें महिलाओं में बड़ा फर्क लाती हैं.

कई समस्याएं खासकर हार्मोनल और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी शुरुआत में बिल्कुल चुप रहती हैं. इसलिए लक्ष्य साफ है: जो दिक्कतें छिपी हैं उन्हें समय रहते पकड़ना, जो उभर रही हैं उन्हें रोकना और आने वाले जोखिमों से बचाव करना. एक्सपर्ट कहते हैं कि कुछ वार्षिक जांचें महिलाओं में बड़ा फर्क लाती हैं.

सर्वाइकल और प्रजनन स्वास्थ्य की जांच इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्वाइकल कैंसर कई साल तक बिना किसी चेतावनी के बढ़ सकता है. डॉक्टर 21 साल की उम्र से सालाना पॉप टेस्ट की सलाह देते हैं. यौन सक्रिय महिलाओं के लिए एचपीबी और एसटीआई जांच उपयोगी साबित होती है. पेल्विक एग्जाम और अल्ट्रासाउंड से फाइब्रॉइड, पीसीओडी, सिस्ट और एंडोमेट्रियोसिस जैसी आम समस्याएं जल्दी पकड़ी जा सकती हैं.

सर्वाइकल और प्रजनन स्वास्थ्य की जांच इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्वाइकल कैंसर कई साल तक बिना किसी चेतावनी के बढ़ सकता है. डॉक्टर 21 साल की उम्र से सालाना पॉप टेस्ट की सलाह देते हैं. यौन सक्रिय महिलाओं के लिए एचपीबी और एसटीआई जांच उपयोगी साबित होती है. पेल्विक एग्जाम और अल्ट्रासाउंड से फाइब्रॉइड, पीसीओडी, सिस्ट और एंडोमेट्रियोसिस जैसी आम समस्याएं जल्दी पकड़ी जा सकती हैं.

ब्रेस्ट हेल्थ की सालाना जांच भी उतनी ही जरूरी है. युवा महिलाओं के लिए क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जाम या अल्ट्रासाउंड बेहतर विकल्प है, जबकि 40 की उम्र के बाद मैमोग्राफी छोटी से छोटी गांठ तक पकड़ लेती है. कई महिलाएं लक्षण न होने पर जांच टाल देती हैं, जबकि ब्रेस्ट से जुड़ी बीमारियां अक्सर चुपचाप बढ़ती रहती हैं.

ब्रेस्ट हेल्थ की सालाना जांच भी उतनी ही जरूरी है. युवा महिलाओं के लिए क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जाम या अल्ट्रासाउंड बेहतर विकल्प है, जबकि 40 की उम्र के बाद मैमोग्राफी छोटी से छोटी गांठ तक पकड़ लेती है. कई महिलाएं लक्षण न होने पर जांच टाल देती हैं, जबकि ब्रेस्ट से जुड़ी बीमारियां अक्सर चुपचाप बढ़ती रहती हैं.

ब्लड टेस्ट महिलाओं की सेहत की आधारशिला माने जाते हैं. CBC से एनीमिया और इंफेक्शन का पता चलता है, टीएसएच थायरॉयड समस्याओं की ओर इशारा करता है, शुगर और एचबीसी1c डायबिटीज का शुरुआती संकेत देते हैं और लिपिड प्रोफाइल हार्ट डिज़ीज के जोखिम को दिखाता है. लिवर और किडनी फंक्शन भी इन जांचों में शामिल होते हैं.

ब्लड टेस्ट महिलाओं की सेहत की आधारशिला माने जाते हैं. CBC से एनीमिया और इंफेक्शन का पता चलता है, टीएसएच थायरॉयड समस्याओं की ओर इशारा करता है, शुगर और एचबीसी1c डायबिटीज का शुरुआती संकेत देते हैं और लिपिड प्रोफाइल हार्ट डिज़ीज के जोखिम को दिखाता है. लिवर और किडनी फंक्शन भी इन जांचों में शामिल होते हैं.

विटामिन D और B12 की कमी 30 की उम्र के बाद महिलाओं में बहुत आम है. ये कमियां चुपचाप बढ़ती हैं और थकान, बालों का झड़ना, मूड स्विंग और हड्डियों के दर्द जैसी परेशानियाँ पैदा करती हैं. सालाना जांच से इन कमियों को आसानी से पहचाना और सही किया जा सकता है.

विटामिन D और B12 की कमी 30 की उम्र के बाद महिलाओं में बहुत आम है. ये कमियां चुपचाप बढ़ती हैं और थकान, बालों का झड़ना, मूड स्विंग और हड्डियों के दर्द जैसी परेशानियाँ पैदा करती हैं. सालाना जांच से इन कमियों को आसानी से पहचाना और सही किया जा सकता है.

35 से 40 की उम्र के बाद दिल, हड्डियों और मेटाबॉलिज्म से जुड़े जोखिम बढ़ने लगते हैं. इसलिए ब्लड प्रेशर, BMI, कमर का माप, यूरिन टेस्ट, ECG और 40 से 50 के बाद बोन डेंसिटी स्कैन बेहद उपयोगी हैं. जिन महिलाओं के परिवार में दिल की बीमारी या कैंसर का हिस्ट्री है, उन्हें कुछ अतिरिक्त जांचों की भी सलाह दी जाती है.

35 से 40 की उम्र के बाद दिल, हड्डियों और मेटाबॉलिज्म से जुड़े जोखिम बढ़ने लगते हैं. इसलिए ब्लड प्रेशर, BMI, कमर का माप, यूरिन टेस्ट, ECG और 40 से 50 के बाद बोन डेंसिटी स्कैन बेहद उपयोगी हैं. जिन महिलाओं के परिवार में दिल की बीमारी या कैंसर का हिस्ट्री है, उन्हें कुछ अतिरिक्त जांचों की भी सलाह दी जाती है.

Published at : 05 Dec 2025 03:27 PM (IST)

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