पुतिन की भारत यात्रा: मार्गशीर्ष मास में छिपे हैं भारत-रूस संबंधों के सुनहरे भविष्य के राज!

Show Quick Read

Key points generated by AI, verified by newsroom

Russian President India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यह उनकी पहली विदेशी यात्रा होने वाली है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कोई साधारण राजनीतिक दौरा भर नहीं है, यह यात्रा ऐसे वक्त पर हो रही है, जब ग्रहों की बदलती चाल से लेकर हिंदी पंचांग तक, कई तरह के खास संकेत देखने को मिल रहे हैं.

मार्गशीर्ष मास में पुतिन की यात्रा

4 दिसंबर 2025, गुरुवार के दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा की तिथि भी है, जो आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी भारत-रूस के संबंधों के बारे में काफी कुछ उजागर करती है.

4-5 दिसंबर ग्रहों में होने वाले परिवर्तनों की वजह से पुतिन के भारत दौरे को लेकर सरकार के लिए वार्ता, कुटनीति, और समझदारी के स्तर पर चीजें अनुकूल दिखाई दे रही हैं. 

तुला राशि में शुक्र की स्थिति के कारण दोनों देशों की आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. शुक्र ग्रह जो संतुलन, तालमेल और समझौते का कारक माना जाता है. जिससे यह संकेत साफ है कि, बातचीत कतई भी टकराव की स्थिति में नहीं जाएगी, बल्कि यह साझेदारी दोनों ही देशों की आपसी समझ को बढ़ावा देगी, जिसका व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में फायदा मिल सकता है. 

बृहस्पति का शुभ प्रभाव राजनीतिक स्थिरता के साथ लंबे समय वाले समझौतों में मजबूती लाता है. इस लिहाज से पुतिन की भारत यात्रा कई मायनों में परिणाम उन्मुख (outcome-oriented) वाली हो सकती है. बृहस्पति ग्रह इस बात की ओर इशारा करता है कि, यह यात्रा भविष्य की ठोस योजनाओं को सफलता दे सकती है.

पुतिन की भारत यात्रा में मार्गशीर्ष का महत्व

4 दिसंबर 2025, गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा पर आ रहे हैं, उनकी यह यात्रा मार्गशीर्ष मास में हो रही है. शास्त्रों में मार्गशीर्ष मास को आरंभ और समृद्धि का महीना माना गया है. इसका प्रमाण श्रीमद भागवत गीता में भी देखने को मिल जाता है.

मान्यताओं के मुताबिक, मार्गशीर्ष माह में शुरू हुए कार्य लंब समय तक चलते हैं. भारत-रूस के संबंध सालों से मित्र देश की भूमिका में रहे हैं, लेकिन बदलते वैश्विक समीकरणों के कारण यह यात्रा अगले अध्याय की संकेत दे रही है. ज्योतिषीय नजरिए से भारत और रूस स्वाभाविक रूप से स्थिर हैं. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com