
मार्केट रेगुलेटर SEBI अब डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग यानी F&O में निवेशकों की एंट्री पर सख्त नियम लाने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती चर्चा यह है कि कौन ट्रेडर F&O में हिस्सा ले सके, इसका फैसला उसकी इक्विटी एक्सपोजर के आधार पर किया जाए।
इसका मतलब कि किसी निवेशक के पास शेयर बाजार, इक्विटी म्युचुअल फंड या PMS में कितना निवेश है, यह उसकी योग्यता तय कर सकता है।
इक्विटी एक्सपोजर पर रहेगा जोर
सूत्रों के मुताबिक, SEBI यह देख रहा है कि डायरेक्ट स्टॉक होल्डिंग, इक्विटी म्युचुअल फंड और PMS में निवेश को एक तरह के बेंचमार्क की तरह इस्तेमाल किया जाए। इसका मतलब यह है कि जिन निवेशकों का इक्विटी में बड़ा एक्सपोजर है, उन्हें ही F&O में एंट्री मिले। SEBI इस प्रस्ताव पर स्टॉक एक्सचेंजों से विस्तृत चर्चा करने की तैयारी में है।
कंसल्टेशन पेपर आने की संभावना
CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI जल्द ही एक कंसल्टेशन पेपर जारी कर सकता है। इसमें F&O ट्रेडिंग के लिए प्रस्तावित नियम (suitability norms) रखे जाएंगे। इसके बाद हितधारकों की राय लेकर अंतिम दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे।
रिटेल ट्रेडर्स के भारी नुकसान से चिंता
यह पूरा मामला इसलिए शुरू हुआ है क्योंकि हाल के आंकड़ों ने रिटेल ट्रेडिंग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। वर्ष 2024-25 में इंडिविजुअल ट्रेडर्स को F&O सेगमेंट में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ। रिपोर्ट यह भी बताती है कि F&O में शामिल 91% रिटेल निवेशकों ने पैसा गंवाया।
रिटेल की तेजी से बढ़ती सट्टेबाजी, अनियंत्रित नुकसान और बढ़ते टर्नओवर को देखते हुए SEBI अब नियमों को कड़ा करने की दिशा में सोच रहा है। इसका मकसद मार्केट में स्थिरता बनाए रखना और रिटेल इन्वेस्टर्स को बड़े जोखिमों से बचाना है।
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