
Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार 3 दिसंबर को लगातार चौथे दिन गिरावट देखने को मिली। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने से निवेशकों का सेटीमेंट कमजोर हुआ। सुबह करीब 10:20 बजे, सेंसेक्स 332.16 अंक या 0.39 फीसदी गिरकर 84,806.11 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 119.50 अंक या 0.46 फीसदी गिरकर 25,912.70 के स्तर पर आ गया। बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स भी 0.90 फीसदी तक लुढ़क गए।
शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 3 बड़े कारण रहे-
1) रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर
भारतीय रुपया बुधवार को कारोबार के दौरान पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90 रुपये के भी नीचे चला गया, जिसने शेयर मार्केट के सेंटीमेंट पर दबाव डाला। रुपया शुरुआती कारोबार में US डॉलर के मुकाबले 89.96 के नए निचले स्तर पर खुला और फिर 90.1325 तक फिसल गया। विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी और भारत-US ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता के कारण रुपये में गिरावट जारी है।
LKP सिक्योरिटीज के VP रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी और करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा, “भारत-अमेरिका ट्रेड डील पक्की न होने और टाइमलाइन में बार-बार देरी के दबाव में रुपया पहली बार 90 के निशान से नीचे फिसल गया। बाजार अब बड़े भरोसे के बजाय ठोस आंकड़े चाहते हैं, जिसके चलते पिछले कुछ हफ्तों में रुपये में तेजी से बिकवाली हुई है।”
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार ने कहा कि रुपये में लगातार गिरावट और आगे कमजोरी की चिंताओं ने “बाजार को धीरे-धीरे नीचे जाने में मदद की है”, जिससे FII बिकवाली कर रहे हैं।
2) लगातार FII की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने मंगलवार को 3,642.30 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह लगातार चौथा दिन है, जब उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली की है। दिसंबर महीने के पहले दो दिन में ही विदेशी निवेशक करीब 4,813 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर VP (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, “FII की बिकवाली, रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर जाने और बैकिग स्टॉक्स पर दबाव से सेंटीमेंट कमजोर बना हुआ है।”
3) बैंकिंग स्टॉक्स में गिरावट
बैकिंग और फाइनेंशियल कंपनियों के शेयरों में आज 3 दिसंबर को तगड़ी गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट सरकार की ओर से एक स्पष्टीकरण के बाद आया। सरकार ने साफ किया कि सरकारी बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की लिमिट 20 परसेंट से बढ़ाकर 49 परसेंट करने का उसका कोई प्लान नहीं है। इसके चलते आज PSU बैंकों में आज बिकवाली हुई।
सुबह 10.10 के करीब, निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स लगभग 2 परसेंट नीचे कारोबार कर था। प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में भी गिरावट देखी गई। बंधन बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक 1 परसेंट तक गिर गए थे। इंडेक्स के वेटेज में बदलाव के चलते भी बैंक निफ्टी भी 0.4 परसेंट तक गिर गया।
विजयकुमार ने कहा, “निफ्टी में रिकॉर्ड हाई से लगभग 300 अंकों की गिरावट को एक टेक्निकल मूव के तौर पर देखा जा सकता है। बैंक निफ्टी के वेटेज में बदलाव और रुपये की गिरावट को लेकर बढ़ी चिंताओं से इसका असर और बढ़ा है।” उन्होंने आगे कहा कि HDFC बैंक और ICICI बैंक के वेटेज में कमी सिर्फ एक टेक्निकल एडजस्टमेंट है और इसका कंपनी के फंडामेंटल्स से कोई लेना-देना नहीं है।
टेक्निकल चार्ट्स से क्या मिल रहे संकेत?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा कि मंगलवार को निफ्टी की गिरावट 26,060 तक बढ़ गई और और अभी भी ‘बुल्स के वापसी के संकेत नहीं दिख रहे।’
उन्होंने कहा कि अब 25,860–25,700 का जोन कमजोर दिखाई दे रहा है, और बाजार में 25,300 तक फिसलने का डर मौजूद है। ऊपरी स्तरों पर, 26,087–26,111 पर रेजिस्टेंस दिखाई देगा, जबकि 26,200 के ऊपर की मूवमेंट ही किसी रिकवरी का संकेत देगी।
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