Census 2027: केंद्र सरकार ने जनगणना 2027 की घोषणा कर दी है. जनगणना दो चरणों में की जाएगी. मंगलवार को लोकसभा में सरकार ने बताया कि अगली जनगणना अब 2027 में होगी और इसे दो हिस्सों में पूरा किया जाएगा.
- पहला चरण: अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच – इसमें पूरे देश में घर-घर जाकर मकानों की लिस्टिंग और हाउसिंग सर्वे किया जाएगा.
- दूसरा चरण: फरवरी 2027 में- इसमें हर व्यक्ति की गिनती (जनसंख्या गणना) होगी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सदन को यह जानकारी दी. यानी अब 2021 की जो जनगणना कोविड की वजह से टल गई थी, उसकी जगह अब यह नई जनगणना 2026-27 में होगी.
मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में दी जानकारी
एक लिखित जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को बताया, ‘सरकार ने 2027 में जनगणना कराने का फैसला किया है. जनगणना कराने के सरकार के मकसद को 16 जून, 2025 के गजट में नोटिफाई किया गया है.
जनगणना 2027 दो फेज में की जाएगी, फेज I – हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस अप्रैल से सितंबर 2026 तक 30 दिनों के समय में, राज्य/UT सरकारों की सुविधा के अनुसार, इसके बाद फेज II – जनसंख्या गणना (Population Enumeration, PE) होगी.
राय ने कहा, ‘जनसंख्या की गिनती 1 मार्च, 2027 के हिसाब से फरवरी 2027 में की जाएगी, सिवाय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बर्फ से ढके नॉन-सिंक्रोनस इलाकों और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के, जहां यह सितंबर 2026 में की जाएगी और तारीख 1 अक्टूबर, 2026 होगी.’ इस जनगणना की एक खास बात यह होगी कि इसमें 70 साल से ज़्यादा समय में पहली बार जाति की गिनती शामिल की जाएगी.
भारत की पहली डिजिटल जनगणना
उन्होंने आगे कहा, ‘जनगणना 2027 में, जाति की गिनती कैबिनेट कमिटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स के 30.04.2025 के फैसले के मुताबिक की जाएगी.’
यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें मोबाइल ऐप से डेटा इकट्ठा किया जाएगा, हालांकि कनेक्टिविटी की दिक्कतों वाले लोगों के लिए पेपर शेड्यूल भी उपलब्ध होंगे.
डिजिटल प्लेटफॉर्म, सर्वे के तरीकों और लॉजिस्टिक्स को टेस्ट करने के लिए 10 नवंबर से 30 नवंबर, 2025 तक एक प्री-टेस्ट किया गया था. COVID-19 महामारी के कारण 2021 की जनगणना में देरी के बाद, नई घोषणा से एडमिनिस्ट्रेटिव क्लैरिटी मिलती है.
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