The ‘Lakhpati Didi’ Model Is Giving New Strength To The Rural Economy

Lakhpati Didi

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की कहानी नए मुकाम छू रही है। लखपति दीदी (Lakhpati Didi) कार्यक्रम ने गांव गांव में महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत किया है, बल्कि उनके आत्मविश्वास व नेतृत्व क्षमता को भी नई पहचान दी है। नवंबर तक प्रदेश की 18.56 लाख महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। यानी वे निरंतर एक लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय अर्जित कर रही हैं।

2027 तक 28.92 लाख महिलाएं बनेंगी लखपति (Lakhpati Didi) 

उत्तर प्रदेश में 35.94 लाख महिलाओं का चिन्हांकन किया गया है, जिनमें से 29.68 लाख महिलाओं का आय विवरण डिजिटल आजीविका रजिस्टर में दर्ज है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2026-27 तक पूरे देश में 2 करोड़ स्वयं सहायता समूह सदस्यों की आमदनी को एक लाख से ऊपर करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें उत्तर प्रदेश का लक्ष्य 28.92 लाख निर्धारित है। राज्य सरकार के मुताबिक, नवंबर 2025 तक 18.56 लाख का लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है और बाकी 10.36 लाख भी निर्धारित समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नया बदलाव

प्रदेश में 98.49 लाख ग्रामीण परिवारों की महिलाएं कुल 8,96,618 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। ये समूह 62,958 ग्राम संगठनों के माध्यम से एक-दूसरे को सहयोग और बाज़ार से जोड़ने का काम कर रहे हैं। महिलाएं कृषि आधारित गतिविधियां, पशुपालन, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, सेवा आधारित छोटे उद्यम के माध्यम से स्थायी आजीविका अर्जित कर रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक सदस्य की आय चार त्रैमासिक और फसल चक्र के दौरान लगातार तीन वर्ष तक एक लाख रुपये से कम न हो। यही सच्चा आर्थिक सशक्तिकरण है।

नेतृत्व में महिलाएं सबसे आगे

यह कार्यक्रम सिर्फ आय बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का प्रतीक भी बन रहा है।
लखपति दीदियां (Lakhpati Didi) अब वित्तीय रूप से सक्षम, परिवार की निर्णयकर्ता, गांव की परिवर्तन कारी शक्ति के रूप में उभर रही हैं।

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