Laddu Gopal: हिंदी पंचांग का नौवां महीना मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है. जिस वजह से हर जगह सर्दियां दस्तक दे रही हैं. ठंडी हवाओं के बहते ही हर घर में लड्डू गोपाल की सेवा में बदलाव आना शुरू हो गया है. धार्मिक ग्रंथों में इस महीने में पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया है.
वहीं इस महीने में लड्डू गोपाल कि पूजा का भी खास महत्व है. मगर भक्तों का यह सवाल रहता है कि वे ठंड में लड्डू गोपाल को कैसे स्नान कराएं, क्या भोग लगाएं जिससे वे प्रसन्न हो जाएं. तो आइए जानते हैं कि लड्डू गोपाल की सेवा और उन्हें भोग कैसे लगाया जाए.
ठंड के समय में इन चीजों का लगाएं भोग
सर्दियों के मौसम में लड्डू गोपाल का स्नान आम दिनों की तरह नहीं होता. इस मौसम में उन्हें ठंडे जल की जगह गुनगुने जल से स्नान कराएं. जिससे उनके बाल स्वरूप को ठंड ना लगे. वहीं जब उन्हें भोग लगाया जाए, तो भोग में केसर और हल्दी वाला गर्म दूध, पंजीरी, साग, मूंग दाल हलवा और तिल-गुड़ के लड्डू जैसी चीजों का भोग लगाएं.
इन चीजों का भोग लगाने से बाल गोपाल को गर्माहट मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद भी देते हैं. मगर भोग लगाते वक्त तुलसी के पत्ते को शामिल करना ना भूलें.
भोग के वक्त इस मंत्र का जाप करें
“त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर”
इस मंत्र का भाव यह है कि, हे गोविन्द मेरे पास जो भी है, वह सब आपका ही है. मैं जो कुछ भी आपको अर्पित कर रहा हूँ, उसे कृपा करके स्वीकार करें और मुझ पर कृपा दृष्टि बनाए रखें. इस मंत्र का उच्चारण श्रद्धा, प्रेम और समर्पण की भावना से किया जाए तो लड्डू गोपाल प्रसन्न होते हैं.
सर्दियों में इन ऊनी कपड़ों का करें उपयोग
सर्दियों के दिनों में भक्त लड्डू गोपाल की सेवा कुछ वैसे ही करते हैं जैसे कोई अपने छोटे बच्चे की देखभाल करता है. मुलायम ऊनी कपड़े पहनाना, गरम शॉल ओढ़ाना, नन्हें मोजे पहनना, आरामदायक आसन पर बैठाना और हल्की धूप या दीपक की गर्माहट में उनकी सेवा करना.
यह सब उनके प्रति प्रेम और लगाव का दर्शाता है. भक्त मानते हैं कि जितनी सच्ची भावना से गोपाल जी की सेवा की जाती है, उतना ही घर में शांति, सुकून और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
इस तरह करें लड्डू गोपाल का स्नान
- ठंडे जल की बजाए गुनगुने जल का इस्तेमाल करें.
- स्नान वाले जल में 2 या 3 बूंदे गुलाब की मिलाए.
- ज्यादा जल का इस्तेमाल की जगह, अभिषेक जैसा स्नान करें.
- स्नान के बाद किसी साफ और शुद्ध कपड़े से उन्हें धीरे-धीरे पोंछना.
- दीपक की गरमाहट या सौम्य धूर में 1 से 2 मिनट बैठाएं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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