Fatty Liver: फैटी लिवर पेट में क्यों देता है तकलीफ? जानें शुरुआती संकेत और बचाव के तरीके


Liver Health Warning Signs: फैटी लिवर, जिसे पहले NAFLD कहा जाता था और अब MASLD के रूप में भी जाना जाता है, आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है. इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं या फिर दिखते ही नहीं. लेकिन हाल की रिसर्च बता रही है कि इसके शुरुआती संकेत अक्सर पेट और एब्डॉमिनल एरिया में नजर आने लगते हैं, वो भी धीरे-धीरे और बिना शोर किए.

World Journal of Hepatology में छपी एक स्टडी में पाया गया कि फैटी लिवर वाले कई मरीज शुरू में ही पेट से जुड़े लक्षण बताते हैं, जैसे हल्का दर्द, पेट फूलना, मतली या दाईं तरफ भारीपन. कई बार ये लक्षण तब भी महसूस होते हैं जब ब्लड टेस्ट और स्कैन बिल्कुल सामान्य दिखते हैं. यानी शरीर अंदर से मदद के लिए इशारा कर रहा होता है.

फैटी लिवर होता क्या है?

जब लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा होने लगता है और उसका शराब से कोई संबंध नहीं होता, तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है. जैसे-जैसे फैट बढ़ता है, लिवर बड़ा और सूजन वाला हो सकता है. इसी वजह से शुरुआती परेशानी अक्सर पेट के आसपास महसूस होती है न कि बाहर से दिखने वाले लक्षणों में.

पेट में दिखने वाले फैटी लिवर के आम संकेत

दाईं तरफ पेट में दर्द या भारीपन

लिवर आपके दाईं पसलियों के नीचे होता है. जब उसमें फैट बढ़ता है, तो अक्सर हल्का लेकिन लगातार दर्द उस तरफ लेटने में असहजता या अंदर कुछ दबाव जैसा महसूस होता है. अक्सर लोग इसे गैस या बदहजमी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं.

 पेट फूलना और जल्दी फुल जाने का अहसास

कई मरीज बताते हैं कि थोड़ा-सा खाने पर भी पेट भारी लगने लगता है. जिसमें पेट में सूजन, गैस और डकारें शामिल होती है.  ये सब इस वजह से होता है कि लिवर की धीमी होती क्षमता पाचन को प्रभावित करने लगती है.

मतली और अपच

फैटी लिवर की वजह से बार-बार मतली, खाना भारी लगना और हल्की अपच जैसी समस्याएं आम हैं. खासतौर पर तले-भुने या ज्यादा मसालेदार भोजन के बाद परेशानी बढ़ जाती है.

 भूख कम लगना

कई लोग देखते हैं कि धीरे-धीरे भूख कम हो रही है. भोजन छोड़ देना, ज्यादा न खा पाना या बिना कोशिश के वजन कम होना, ये संकेत बताते हैं कि लिवर और डाइजेशन सिस्टम दबाव में हैं.

फैटी लिवर पेट को ही क्यों प्रभावित करता है?

लिवर पाचन की पूरी प्रक्रिया का लगभग आधा काम अकेले संभालता है. यह भोजन से निकलने वाले पोषक तत्वों को प्रोसेस करता है, फैट को तोड़ता है और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालता है. इसलिए जब लिवर में चर्बी जमा होने लगती है और उसका काम रुकने लगता है, तो इसका सीधा असर पेट और पाचन पर दिखना शुरू हो जाता है. फैटी लिवर की शुरुआत में ही लिवर हल्का सूजने लगता है. इससे पाचन धीरे होने लगता है, बाइल कम बनने लगती है और गैस, भारीपन, पेट फूलना और असहजता बढ़ जाती है. यही वजह है कि फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण अधिकतर पेट के आसपास महसूस होते हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर पेट से जुड़े ये संकेत समय रहते पहचान लिए जाएं, तो फैटी लिवर को गंभीर स्टेज पर जाने से रोका जा सकता है.

ध्यान देने वाली जरूरी बातें

फैटी लिवर से बचाव के लिए रोजमर्रा की कुछ आदतें बड़ा फर्क डालती हैं. प्रोसेस्ड और तैल वाले भोजन कम करना, नियमित व्यायाम करना, वजन कंट्रोल में रखना और शुगर व फ्राइड फूड सीमित करना सबसे अहम कदम हैं. अगर पेट में गैस, भारीपन या बार-बार असहजता लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. समय पर जांच और लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव फैटी लिवर को शुरुआती स्टेज में ही रोक सकते हैं और लिवर की सेहत लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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